कांग्रेस के प्लान ‘प्रियंका’ से लाल हुई बीजेपी, बोली- महासचिव तो इनके घर का पद
प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री हो गई है। प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाया गया है। उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई है।
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना तुरुक का इक्का भी फेंक दिया है। राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी अब फुल टाइम राजनिति में उतर गई हैं। कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को महासचिव बनाया है और उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि ज्योतिरादित्य सिंध्या को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई है। बहन की राजनीति में एंट्री पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उनकी बहन बहुत कर्मठ है। उन्होंने प्रियंका को ये जिम्मेदारी सिर्फ दो महीने के लिए नहीं दिया है, बल्कि मिशन दिया है कि कांग्रेस की विचारधारा का प्रचार करें।
Rahul Gandhi in Amethi: Aaj maine Priyanka ko General Seceratary bana diya hai UP ka, matlab ab yahan pe Congress apna CM bithane ka kaam karegi, Dilli mein Congress party ke gathbandhan ki sarkar or UP mein poore dum se Congress party ladegi. pic.twitter.com/79Ao9g0NQx
— ANI UP (@ANINewsUP) January 23, 2019
लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री को मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश नजर आ रहा है, लेकिन कांग्रेस के प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने को बीजेपी ने परिवारवाद से जोड़ दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निशाना साधते के लिए कहा ”कुछ लोगों के लिए परिवार ही पार्टी है। जबकि हमारे यहां पार्टी ही परिवार है।”
PM Modi in interaction with BJP workers from Maharashtra: Hamari party main Koi bhi nirnaya iss baat se nahi hote hain ki ek vyakti ya ek parivaar kya chahta hai, aur isliye kaha jata hai ki desh main zyadatar cases mein parivaar hi party hai, lekin BJP main party hi parivaar hai pic.twitter.com/EhVbi8aLki
— ANI (@ANI) January 23, 2019
प्रियंका की एंट्री से कांग्रेस को कितना फायदा मिलेगा?
47 साल की प्रियंका गांधी को कुशल मैनेजर, मजबूत कैंपनेर और बेहतरीन आर्टिक्ट माना जाता है। अभी तक वो सिर्फ भाई और मां के लिए प्रचार करती नजर आती थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी प्रियंका गांधी ने अमेठी और रायबरेली में जमकर चुनाव प्रचार किया था। दोनों ही सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री से उत्तर प्रदेश में लगभग खत्म हो चुकी कांग्रेस को नई जान मिलेगी।