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chandrayaan-2: उम्मीदें अभी बाकी हैं!

चंद्रयान 2 को लेकर उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई है। आशंका जताई जा रही है कि विक्रम लैंडर चांद की सतह पर क्रैश हो गया है। अब ऑर्बिटर की मदद से उसकी तस्वीर लेने की कोशिश की जा रही है।

साथ ही वैज्ञानिक ये भी पता करने की कोशिश कर रह हैं कि आखिर विक्रम लैंडर 2.1 रास्ते से क्यों भटक गया। वैज्ञानिकों के मुताबिक रास्ते से भटकने के बाद विक्रम लैंडर 60 मीटर प्रति सेकंड की गति से 335 मीटर तक आया। ठीक इसी जगह उसका इसरो सेंटर से संपर्क टूट गया। वैज्ञानिकों को आशंका है कि इसके बाद वह जिस गति से नीचे आ रहा था, उसी गति से वह चांद की सतह से टकरा गया। हालांकि लैंडर बीच-बीच में चांद के चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर से कनेक्ट हो रहा है,  इसलिए वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि लैंडर से अब भी संपर्क स्थापित हो सकता है।

ISRO की चीफ के. सिवन ने डीडी न्यूज से बातचीक में कहा कि लैंडर से दोबारा संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन 95 फीसदी सफल रहा। भविष्य में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कितना काम करेंगे, इसका पता तो डेटा एनालिसिस के बाद ही चलेगा। आपको बता दें कि चंद्रयान-2 मिशन को कल रात उस वक्त बड़ा झटका लगा था, जब लैंडिंग से महज 2 किलोमीटर पहले उसे संपर्क इसरो से टूट गया था।

इसके बाद पूरा देश इसरो साथ एक साथ खड़ा दिखा। पीएम मोदी समेत हर किसी ने इसरो के वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई की। पीएम मोदी से मिलने के दौरान इसरो चीफ भावुक हो गए।

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