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सुप्रीम कोर्ट ने पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की नजरबंदी बढ़ाई, 17 सितंबर को अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांचों सामाजिक कार्यकर्ताओं को 17 सितंबर तक नजरबंद रखने की अवधि बढ़ा दी है। 17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा।

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की नजरबंदी की अवधि बढ़ा दी है। इन कार्यकर्ताओं को माओवादी संगठन से कथित संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 17 सितम्बर को करेगा।

सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी गई कि पहले गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं में से एक सुरेंद्र गडलिंग की पत्नी ने इन लोगों की तरफ से गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए हस्तक्षेप अर्जी दायर की है। कोर्ट से कहा गया कि हस्तक्षेप अर्जी को रिट याचिका के रूप में माना जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट इतिहासकार रोमिला थापर और कार्यकर्ता माजा दारुवाला की ओर से दायर कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

गौरतलब है कि पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में वकील सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव, गौतम नवलखा, वरनॉन गोंजाल्विस और लेखक अरुण फरेरा को अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार किया था।

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