अडानी ग्रुप को लेकर हुए नए खुलासे में क्या है? आसान भाषा में समझिए

अडानी ग्रुप को लेकर हुए नए खुलासे से हंगामा मचा हुआ है। अडानी ग्रुप पर गंभीर धांधली के आरोप लगे हैं।

सवाल यह है कि आखिर अडानी ग्रुप को लेकर हुए नए खुलासे में आखिर क्या है? आइए आपको यह सरल भाषा में आपको समझाने की कोशिश करते हैं।

अडानी ग्रुप को लेकर क्या नया खुलासा हुआ है?

दुनिया के दो मशहूर फाइनेंशियल अखबार द गार्डियन और फाइनेंशियल टाइम्स ने यह खुलासा किया है। इनकी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि साल 2013 से 2018 के बीच मॉरीशस से दो विदेशी लोगों ने जोकि गौतम अडानी के करीबी थे, ने मॉरीशस फंड के जरिए 2013 से 2018 के बीच गौतम अडानी के शेयरों को समर्थन दिया, खरीदा। ऐसा करने से बाजार के अंदर उन शेयरों की कमी हो गई। जैसे ही शेयरों की कमी हुई, शेयरों के दाम बढ़ गए। जाहिर है जैसे ही किसी शेयर की कमी होती है, उसके दाम बढ़ जाते हैं। यानी कि फर्जी तरीके से अडानी समुह के शेयर के दाम बढ़ाए गए थे। उसका फायदा गौतम अडानी समुह को हुआ।

नए खुलासे में उन दो लोगों का नाम भी सामने आ गए हैं, जिन्होंने 2013 से 2018 के बीच मॉरीशस से आए पैसे से गौतम अडानी के शेयर गैरवाजिब तरीके से खरीदे और इसका फायदा गौतम अडानी समुह को हुआ।

द गार्डियन की रिपोर्ट क्या कहती है?

रिपोर्ट में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी से जुड़े व्यक्ति (अडानी) ने अपने ही शेयरों में निवेश किया, जोकि बाजार के नियमों के खिलाफ है। ऐसा करने से उनके शेयरों की बाजार में कमी हुई और नतीजा यह हुआ की अडानी समुह के शेयरों के दाम बढ़ गए। जो नए दस्तावजे सामने आए हैं, वो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं।

ऑफशोर फाइनेंस कॉल रिकॉर्ड से यह पता चला है कि जोकि गार्डियन के पास है, कि किस तरह से अडानी परिवार से जुड़े लोग करीब पांच सालों तक अडानी के शेयर खरीद रहे और इसी वजह से उन्हें (अडानी) को फायदा हुआ। शेयर बाजार के नियमों के हिसाब से ऐसा करना गलत है।

दो भारतीय पत्रकारों मंगले और रवि नायर अपनी अडानी समुंह के लेकर हुए खुलासे का जिंक्र किया है। इन दोनों पत्रकारों ने उन दो लोगों के नामों का खुलासा भी किया है, जो अडानी समुह के लिए यह काम कर रह थे।

दो भारतीय पत्रकारों की रिपोर्ट में क्या है?

रिपोर्ट में कहा गया है कि न सेबी और ना ही सुप्रीम कोर्ट की उच्चस्तरीय समिति यह साबित कर पाई, जिसका शक सभी को था कि अडानी समुह के शेयर के कुछ विदेशी मालिक उसके बहुमत के मालिकों के कवच थे। नए दस्तावेज यह साबित करते हैं कि अडानी समुह के करीबी दो विदेशी नासिर अली शाहबन अहली और चांग चुंग लिंग जो कि चीनी नागरिक है, कई सालों से अडानी के शेयरों के साथ कारोबार कर रहे थे, जिसकी लागत करोड़ों में बताई गई है। यह दोनों अडानी समुह से जुड़ी कंपनियों के निदेशक हैं। रिकॉर्ड से यह साबित होता है कि जिन निवेश फंड के शेयर में वो कारोबार करते थे उन्हें बकायाद अडानी परिवार के एक वरिष्ठ सदस्य से दिशा-निर्देश मिलते थे। वो वरिष्ठ सदस्य अडानी के अपने भाई विनेद अडानी से जुड़ा एक व्यक्ति है।

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