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इंदिरा गांधी के बाद मोदी ने ऐसा फैसला लिया, सब बोले- मोदी है तो मुमकिन है!

हिंदुस्तान ने जिस तरह से पाकिस्तान में बने आतंकी ठिकानों को हवाई हमले से तबाह कर दिया है उससे पूरी दुनिया भारत का लोहा मान रही। हर कोई कह रहा मोदी है तो सब मुमकिन है।

1971 के 48 साल बाद आज ग़ज़ब संयोग बना। सुबह राष्ट्रपति भवन में गांधी शांति पुरस्कार दिया जा रहा था। कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री देरी से पहुंचे । लोगों से क्षमा मांगा, बोले जरूरी काम में व्यस्त था, इसीलिए आने में देरी हुई। दरसअल नरेंद्र मोदी, इंदिरा गांधी के बाद आज देश के सैन्य इतिहास में अपना नाम लिख रहे थे। मोदी नए हिंदुस्तान के सीने से वो कलंक मिटा रहे थे जो आवाम और पूरी दुनिया पिछले दशकों से लगा रही थी।

मंगलवार सुबह भ्रह्म मुहूर्त में देश की वायु सेना ने चार दशक बाद वो पराक्रम किया जिसे बहुत पहले कर लिया जाना चाहिए था। #हिन्दुस्तान के 12 जंगी जहाज़ #मिराज़ -2000 पाकिस्तान के अंदर अस्सी किलोमीटर तक घुसे, और खैबर पख़्तून इलाके #बालाकोट में आतंक के अड्डे को तबाह कर दिया । लड़ाकू विमानों ने आतंकी मसूद अजहर की फैक्ट्री पर 1000 किलो के आधा दर्जन बम गिराए। बताया जा रहा है कि इस भीषण हमले में सैकड़ों आतंकी मारे गए हैं । ये हमला PoK नहीं बल्कि सीधे #पाकिस्तान की उसकी अपनी ज़मीन पर किया गया ।

अब बात आज के हमले की, 1971 के बाद आज हिन्दुस्तान की राजनीति, रक्षा में बहुत बड़ा रणनीतिक बदलाव आया है । #नरेंद्रमोदी की सरकार ने 38 साल बाद भारत की डिफेंसिव पॉलिसी को 360 डिग्री बदल कर रख दिया। आज का हमला, सिर्फ पाकिस्तान को सबक नहीं है, बल्कि ये पूरी दुनिया को सीधी चेतावनी है कि अब आतंकवाद पर बातचीत का समय निकाल चुका है । दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना और पांचवीं सबसे बड़ी आर्थिक ताकत को आज ये दिखाना जरूरी था कि ये महज आंकड़े नहीं बल्कि हमारे बरसों की सहनशक्ति और धैर्य की चरम सीमा है। दुनिया की शांति का ठेका लिये हिन्दुस्तान ने आज अपने इस छवि को भी तोड़ा है।

अब बात डिप्लोमैसी की, नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस पूरे हालात पर क्या शानदार डिप्लोमैसी की है । पुलवामा आतंकी हमले के बाद दुनिया का कोई भी ऐसा ताकतवर देश नहीं बचा था जिसने भारत का समर्थन नहीं किया। पाकिस्तान के दोस्त चीन को भी यूएनएससी में झुकना पड़ा।आज भी पाकिस्तान पर हवाई हमले के बाद दिल्ली में डिप्लोमेटिक मिशन कोर के डीन (भारत में दुनियाभर के दूतावासों का संगठन का अध्यक्ष) ने कहा कि भारत ने आतंकी ठिकानों पर एक्शन के बाद जिस तरह से तुरंत ही सभी दूतावास को सूचना दी है उससे हम संतुष्ट हैं । जाहिर है, आतंकवाद के खिलाफ भारत के इस एक्शन को दुनिया समर्थन दे रही है ।

अब राजनीतिक बात, हिन्दुस्तान के #प्रधानमंत्री मोदी ने आज इतिहास लिखा ।भारत में सैन्य कार्रवाई के फैसले राजनीतिक नेतृत्व ही तय करता है। अफसोस पिछले चार दशक में ऐसा कोई नेतृत्व नहीं हो सका जो निर्णायक फैसले ले सके। मोदी ने आज जो फैसला लिया वो मोदी की नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। पाकिस्तान की जमीन पर बमबारी के लिए जंगी जहाज़ भेजना मोदी के लिए कोई आसान फैसला नहीं रहा होगा, क्योंकि कारगिल की युद्ध में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने #PoK में वायु सेना को ऑपरेशन की इजाजत नहीं दी थी। इसीलिए आज का फैसला, ये साबित करता है कि “मोदी है तो मुमकिन है”

और आखिर में बात हमारे सैन्य ताक़त की, दुश्मन ने 12 दिन पहले हमारे ऊपर कायरता पूर्वक बर्बर हमला किया था। अगले ही दिन प्रधानमंत्री ने बदले की चेतावनी दी, सेना को खुली छूट दे दी गई। आज सुबह भारत से 12 लड़ाकू विमान उड़कर पाकिस्तान में घुस गए और दुश्मन को खबर तक नहीं लगी। बमबारी से घबराए पाकिस्तानी लड़ाकू एफ 16 फाइटर जेट सामना करने आए लेकिन हमारी सेना की जवाबी कार्रवाई के सामने टिक नहीं पाए, जवाबी हमला इतना जोरदार था कि पाकिस्तानी विमान मारे जाने की वजह से भाग खड़े हुए। इसीलिए हमारी वायु सेना कहती है , “टच द स्काई विद ग्लोरी”

डिस्क्लेमर: लेखक रवि चंद्र इंडिया टीवी में पत्रकार हैं। इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति न्यूज़ नुक्कड़ उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं।

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