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VHP की धर्मसभा से पहले अयोध्या का माहौल गर्म, 1992 जैसा माहौल देख मुसलमान कर रहे हैं पलायन

अयोध्या में रविवार, 25 नवंबर को वीएचपी की धर्मसभा आयोजित होने से पहले शहर का माहौल गरमा गया है। लोग खौफ के साए में जी रहे हैं। धर्मसभा से पहले सैकड़ों मुसलमानों ने शहर से पलायन कर दिया है।

शहर के लोगों का कहना है कि यहां पर इस वक्त ठीक वैसा ही माहौल है, जैसा कि 1992 में था। 6 दिसंबर, 1992 को कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। इस बीच शहर में अपने समर्थकों के साथ डेरा डाले शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब बाबरी मस्जिद को 17 मिनट में ढहाया जा सकता है, तो फिर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने में इतनी देरी क्यों हो रही है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने 17 मिनट में बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था, लेकिन कागजी काम, कानून या अध्यादेश बनाने में इतना समय क्यों लग रहा है।”

उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक बीजेपी की सरकार है। राज्यसभा में ऐसे कई सदस्य हैं जो राम मंदिर का समर्थन करते हैं।” राउत ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को अयोध्या में ‘भव्य राम मंदिर के तत्काल निर्माण’ के लिए कानून लाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: अयोध्या में 6 दिसंबर से पहले 1992 जैसा माहौल, क्या हैं मंसूबे? बाबरी के पैरोकार ने की सुरक्षा की मांग

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अयोध्या के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा, “बीजेपी सुप्रीम कोर्ट और संविधान में विश्वास नहीं करती है। बीजेपी किसी भी हद तक जा सकती है। जिस तरह का माहौल अयोध्या में है, इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए और अगर जरूरत पड़े तो अयोध्या में सेना की तैनती की जानी चाहिए।”

विश्व हिंदू परिषद रविवार को राम मंदिर के जल्द से जल्द निर्माण की मांग के लिए ‘धर्म संसद’ का आयोजन करने वाली है। यही वजह है कि वीएचपी की धर्मसभा से पहले शहर का माहौल गरमा गया है। इससे पहले बाबरी मस्दिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी अयोध्या में गर्म होते माहौल पर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि एक फिर आयोध्या का माहौल 1992 जैसा हो गया है। उन्होंने मुसलमानों की सुरक्षा की मांग भी की थी।

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