तीन तलाक को विलेन बताने वाली बीजेपी सबरीमाला मुद्दे पर महिलाओं के अधिकार का अपहरण क्यों करना चाहती है?
तीन तलाक के मुद्दे पर महिलाओं के हक की बात करने वाली बीजेपी केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ खड़ी है। बीजेपी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती क्यों दे रही है?
तीन तलाक पर पूरे देश में अपनी सियासत चमकाने वाली बीजेपी का दोहरा चरित्र केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सबके सामने आ गया है। तीन तलाक के मुद्दे पर महिलाओं के हक की बात करने वाली बीजेपी सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ खड़ी है। बीजेपी का कैडर लगातार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दे रहा है। केरल बीजेपी के नेताओं का कहना है कि चाहे कुछ हो जाए सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
Kerala: A protest march led by BJP is being carried out in Thiruvananthapuram against the Supreme Court verdict over the entry of women of all age group in #Sabarimala temple, ahead of the opening of its portals. pic.twitter.com/6G6SPG6C1g
— ANI (@ANI) October 15, 2018
28 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी उम्र की महिलओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने साफ-साफ कहा था, “महिलाएं समाज में बराबर की हिस्सेदार हैं। पुरानी मान्यताएं और पितृसत्तात्मक सोच आड़े नहीं आनी चाहिए। समाज को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी।” ये कहते हुए कोर्ट ने 53 साल पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया था।
कोर्ट के फैसले से ये साफ हो गया था कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाना उनके अधिकार का हनन है। ऐसे में सवाल ये है कि पीएम मोदी की अगुवाई में देश की सत्ता पर काबिज बीजेपी सबरीमाला मुद्दे पर महिलाओं के अधिकार का अपहरण क्यों करना चाहती है। साफ है, केरल एक ऐसा राज्य जहां राजनीतिक तौर पर बीजेपी का सूखा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक बीजेपी इस राज्य में साम दाम दंड भेद सब अपना चुकी है। लेकिन अपने अस्तित्व में आने के बाद से केरल में बीजेपी को कभी सत्ता का सुख नहीं मिल पाया। तो ऐसे में सवाल ये कि क्या बीजेपी महिलाओं के अधिकारों का अपहरण सिर्फ इस लिए करना चाहती है क्यों उसे महिलाओं के अधिकार से ज्यादा सत्ता सुख प्यारा है। अगर ऐसा नहीं है तो सबरीमाला मुद्दे पर बीजेपी उन लोगों के साथ क्यों खड़ी जो धर्म के ठेकेदार बने बैठे हैं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लगातार चुनौती दे रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं केरल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में धर्म के ठेकेदारों के रथ पर सवार होकर बीजेपी राज्य में सत्ता में आने का सपना देख रही है। तीन तलाक और महिलाओं के अधिकार की बात करने वाली बीजेपी को समझने की जरूरत है।
अगर आप सबरीमाला मंदिर को नहीं जानते तो जान लीजिए कि ये केरल के पत्थनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट की एक पहाड़ी पर स्थित है। महिलाओं के प्रवेश को लेकर इसके प्रबंधन का कहना था कि रजस्वला होने की वजह से 10 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं अपनी व्यक्तिगत शुद्धता (मासिक धर्म) बनाये नहीं रख सकती हैं, यही कारण है कि इस वर्ग की महिलाओं का प्रवेश मंदिर में बैन था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है। लेकिन केरल में बीजेपी समेत कई संगठन अभी भी सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने की इजाजत के खिलाफ खड़े हैं।