अमेरिका में बजेगा भारत का डंका,भारतीय मूल की अमेरिकी हिंदू सांसद लड़ेंगी राष्ट्रपति चुनाव !
अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड 2020 मेंं राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि उन्होंने खुद चुनाव लड़ने पर कुछ नहीं का है। तुलसी गबार्ड पहली सांसद है जिन्होंने भगवत गीता के नाम पर शपथ ली थी।
भारतीय मूल की अमेरिकी हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकती हैं।शुक्रवार को लॉस एंजिल्स में आयोजित डेमोक्रेटिक सम्मेलन के दौरान प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी डॉ. संपत शिवांगी ने 37 साल की गबार्ड का परिचय कराया और कहा कि 2020 में वो अमेरिका की अगली राष्ट्रपति हो सकती हैं। इसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी की हवाई से सांसद गबार्ड ने भी सभा को संबोधित किया। हालांकि अपने संबोधन में तुलसी गबार्ड ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने को लेकर कुछ नहीं कहा। वो सबसे बड़े पद के लिए चुनाव लड़ेंगी या नहीं इसका फैसला इसी साल क्रिसमस से पहले लिया जा सकता है, लेकिन औपचारिक घोषणा अगले साल तक होने की संभावना है।
इस बीच ये दावा किया जा रहा है कि 37 साल की सांसद और उनकी टीम ने पहले से ही वोटर्स और दानदाताओं के बीच राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवार के तौर पर पहचना बनाा शुरू कर दिया है। उनकी टीम की नजर भारतीय मूल के अमेरिकियों को टारगेट करने की है। तुलसी गबार्ड पहले से ही भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के बीच लोकप्रिय हैं। भारतीय-अमेरिकियों का समूह यहूदी अमेरिकियों के बाद देश का सबसे प्रभावशाली और अमीर ग्रुप माना जाता है। इसी वजह से वे अमेरिका के 50वें राज्य हवाई से लगातार जीत दर्ज करती आ रही हैं। चार बार की सांसद तुलसी को भारत-अमेरिका के संबंधों का बड़ा समर्थक माना जाता है। वो फिलहाल हाउस की ताकतवर आर्म्ड सर्विस कमेटी और विदेश मामलों की कमेटी की सदस्य हैं।
बता दें कि तुलसी गबार्ड का जन्म एक कैथोलिक परिवार में अमेरिका के समोआ में हुआ था। उनकी मां कॉकेशियन हिंदू हैं। इसी के चलते तुलसी गबार्ड शुरुआत से ही हिंदू धर्म की अनुयायी रही हैं। अगर वो राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान करती हैं तो वे किसी बड़े राजनीतिक दल की ओर से व्हाइट हाउस के लिए खड़ी होने वाली पहली हिंदू उम्मीदवार होंगी। साथ ही अगर वो सबसे शक्तिशाली देश के सबसे बड़े पद का चुनाव जीतती हैं तो गबार्ड अमेरिका की पहली महिला और सबसे युवा राष्ट्रपति का तमगा भी हासिल कर सकती हैं। आपको ये भी बता दें कि सांसद बनने पर उन्होंने भगवत गीता के नाम पर शपथ ली थी।