पर्यावरण संरक्षण को लेकर हर साल जारी होने वाली बीबीसी वर्ल्ड की लिस्ट में रिद्धिमा पांडे को शामिल किया गया है।
कहते हैं कुछ करने की लगन और उसे पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत की जाए तो, हर मुश्किल आसान हो जाती है। आप हर मंजिल को पार कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया हरिद्वार में रहने वाली 13 साल की रिद्धिमा ने। रिद्धिमा पांडे ने अपनी मेहनत से ना केवल अपने मां-बाप का मान बढ़ाया है, बल्कि पूरी दुनिया में उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर हर साल जारी होने वाली बीबीसी वर्ल्ड की लिस्ट में रिद्धिमा पांडे को शामिल किया गया है। हर साल जारी की जाने वाली 100 महिलाओं की वूमेन ऑफ 2020 सूची में भारत की सिर्फ तीन महिलाओं को ही जगह मिली है, जिसमें रिद्धिमा पांडे सबसे कम उम्र की हैं।
रिद्धिमा पर्यावरण बचाने के लिए कई सालों से अपनी आवाज उठा रही हैं। 9 साल की उम्र में जब बच्चा ठीक से सोच भी नहीं पाता तब रिद्धिमा ने पर्यावरण संरक्षण का अपना सफर केंद्र सरकार के खिलाफ एनजीटी में रिट पिटीशन दाखिल करने के साथ किया था, जो अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जा पहुंचा है। महज 11 साल की उम्र में रिद्धिमा भारत की पहली ऐसी महिला थी जिसने यूएन में जाकर पर्यावरण संरक्षण को लेकर जोरदार स्पीच दी थी।
रिद्धिमा को पर्यावरण बचाने का ख्याल कैसे आया?
दरअसल केदारनाथ में आई त्रासदी ने रिद्धिमा की सोच को बदलकर रख दिया। रिद्धिमा केदारनाथ त्रासदी कैसे हुई वह इसके बारे में जानना चाहती थी। जिसे जानते हुए रिद्धिमा को पता चला कि इस त्रासदी की मुख्य वजह पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ थी। तभी से रिद्धिमा पर्यावरण को बचाने की मुहिम में जुट गईं।
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