डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये की राफेल के सौदे पर फिर पड़ी मार, अब इतनी महंगी हो गई डील
डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये की वजह से राफेल की कीमत बढ़ गई है। 59,600 करोड़ रुपये में हुए राफेल विमान सौदे की कीमत 6,400 करोड़ रुपये बढ़कर 66,000 करोड़ हो गई है।
डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये की का असर हर तरफ दिख रहा है। अब इसकी मार राफेल सौदे पर पड़ी है। 59,600 करोड़ रुपये में हुए राफेल विमान सौदे की कीमत 6,400 करोड़ रुपये बढ़कर 66,000 करोड़ हो गई है। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2016 में यूरोपीय मुद्रा यूरो के हिसाब से फ्रांस के साथ राफेल विमान की डील 7.89 बिलियन यूरो में हुई थी। ये कीमत भारतीय रुपये के हिसाब से 59,600 करोड़ रुपये होती है, लेकिन यूरो के मुकाबले रुपये के गिरते स्तर की वजह से अब इसकी कीमत अब 66,000 करोड़ रुपये हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक कीमतों के बढ़ने का असर राफेल डील के ऑफसेट करार पर भी पड़ा है। जिसके तहत अनिल अंबानी समेत दसॉ के साथ ऑफसेट करार करने वाली दूसरी कंपनियों का हिस्सा भी बढ़ जाएगा।
2016 में भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच 36 लड़ाकू विमान का सौदा हुआ था। डील के बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस डील में करप्शन का आरोप लगा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार 1670 करोड़ रुपये प्रति विमान की दर से राफेल खरीद रही है जबकि यूपीए के समय इस सौदे पर बातचीत के दौरान इसके एक विमान की कीमत 526 करोड़ रुपये तय हुई थी।
कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे को उठा चुकी है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार को देश को इस लड़ाकू विमान की असली कीमत बताए, लेकिन सरकार गोपनीयता का हवाला देकर कीमत बताने से इनकार करती आ रही है। गौरतलब है कि डॉलर के मुकाबले रुपये लगातार कमजोर हो रहा है। एक डॉलर की कीमत 73 रुपये के पार हो गई है।