स्मृति ईरानी के चुनावी हलफनामे से बड़ा खुलासा, क्या उन्होंने चुनाव आयोग से झूठ बोला?
मोदी सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार, 11 अपैल को अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
नामांकन के लिए भरे गए स्मृति ईरानी के शपथ पत्र से कई बड़े खुलासे हुए हैं। चुनावी हलफनामे में ईरानी ने बताया है कि वो ग्रेजुएट नहीं है। उन्होंने हलफनामे में लिखा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से पहले साल बैचलर ऑफ़ कॉमर्स यानी बी कॉम के लिए परीक्षा दी थी, लेकिन “तीन साल का डिग्री कोर्स पूरा नहीं किया”।
यहां गौर करने वाली बात ये है कि स्मृति ईरानी ने 2004 और 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी शैक्षिक योग्यता को लेकर अलग-अलग जानकारी दी थी। इसके बाद काफी विवाद हुआ था।
Refresher course (correction)~ The Mantri Version.
Kyunki Mantri Bhi Kabhi Graduate Thhi. pic.twitter.com/22qWPy6LxA— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) April 11, 2019
2004 में दिल्ली के चांदनी चौक से लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान स्मृति ईरानी ने शपथ पत्र में कहा था कि उन्होंने बीए पास किया है। लेकिन 2014 में उन्होंने जब अमेठी से नामांकन भरा तो शपथ पत्र में अपनी शैक्षिक योग्यता बी.कॉम बताई थी। इन दोनों शपथ पत्रों में बताई गई अलग-अलग शैक्षिक योग्यता के कारण काफी विवाद हुआ था। ये मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट तक जा पहुंचा था। जिस समय ये विवाद हुआ था, उस समय स्मृति ईरान मानव संसाधन विकास मंत्री थीं। ऐसे में उनके नये चुनावी हलफनामे से एक नया विवाद खड़ा हो गया है।