चंपावत में नगर पालिका चुनाव में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन में अधिशासी अधिकारी के साथ तत्कालीन एसडीएम की मुश्किलें बढ़ सकती है।
दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। जांच रिपोर्ट में एसडीएम को भी दोषी बताया गया है। जिस समय आचार संहिता का उल्लंघन हुआ उस के दौरान तत्कालीन एसडीएम सीमा विश्वकर्मा को नगरपालिका की प्रशासक थीं। प्रशासक होने की वजह से निविदा आमंत्रण से लेकर हर दस्तावेज में उनके दस्तखत थे। चंपावत के डीएम की रिपोर्ट में प्रशासक को दोषी बताया गया है। अधिशासी अधिकारी अभिनव कुमार पर प्रतिकूल प्रविष्टि की सिफारिश की गई है।
ये है पूरा मामला:
वर्ष 2018 में 15 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच नगर निकाय के चुनाव को लेकर नगरीय क्षेत्रों में आचार संहिता लागू थी। आचार संहिता से पहले पालिका के पास विकास कार्यों के लिए 3.66 करोड़ रुपये का बजट था। इसमें से ज्यादातर इस्तेमाल इसी दौरान हुआ। इसके बाद तत्कालीन डीएम रणवीर सिंह चौहान ने मई 2019 में जांच के लिए एडीएम, मुख्य कोषाधिकारी और राजकीय निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता की एक जांच कमेटी बनाई थी। कमेटी ने दस्तावेजों के अलावा निर्माण कार्यों की भी जांच की थी। जांच में कई अनियमितताएं पाई गई थीं। इसमें जीएसटी की दरों में सामान खरीदना वित्तीय नुकसान पहुंचाना जैसे भ्रष्टाचार किए गए थे।
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