भारत-चीन के बीच सीमा पर तनावपूर्ण हालात के बीच बीआरओ भी भारतीय सेना की मदद में दिन रात लगा है। बीआरओ की कोशिश रंग लाती भी दिख रही है।
आपको बता दें, उत्तराखंड के चमोली जिले में इन दिनों बीआरओ चीन सीमा पर सेना की पहुंच आसान बनाने में जुटा हुआ है। आपको बता दे, उत्तराखंड में तीन जिले ऐसे हैं जहां से चीन की सीमा लगती है। ऐसे में चीन के मंशूबों को नाकाम करने में भारत जमीनी स्तर पर जुटा हुआ है।
दरअसल, चमोली के जोशीमठ में माणा से रताकोणा तक जल्द पक्की सड़क बनाई जाएगी। इस सड़क की खास बात ये है कि यहां से चीन की हर चाल पर निगरानी रखी जा सकेगी। इसका एक फायदा ये भी होगा कि सीमा पर तैनात हमारे जवानों को रसद और हथियार जल्दी पहुंचाए जा सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो माणा से रताकोणा तक बनी सड़क पर इन दिनों डामरीकरण का काम चल रहा है।
अगले साल तक माणा पास तक डबल लेन सड़क के डामरीकरण का काम पूरा हो जाएगा। सड़क के निर्माण और इसके डामरीकरण की जिम्मेदारी सीमा सड़क संगठन यानी (बीआरओ) को दी गई है। बीआरओ माणा से रताकोणा तक करीब 38 किमी के हिस्से में डामरीकरण कार्य इसी साल पूरा कर लेगा। आपको बता दें, माणा गांव से माणा पास तक बनी इस सड़क की लंबाई करीब 53 किमी है। जिसके 38 किमी हिस्से में इसी साल डामरीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा। रोड के 15 किलोमीटर हिस्से में अगले साल डामरीकरण होगा।
बीआरओ ने चीन सीमा तक डबल लेन रोड पहुंचा दी है। इस सड़क के बनने के बाद भारत अब मजबूत स्थिति में आ गया है। माणा पास तक रोड तो बन गई है, लेकिन इस पर डामरीकरण का काम पूरा नहीं हो पाया है। माणा गांव से माणा पास तक बनी 53 किलोमीटर लंबी रोड की कटिंग का काम साल 2016 में पूरा हो गया था।
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