उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल से घोटालेबाजी की एक तस्वीर सामने आई है।
जहां साढ़े छह करोड़ खर्च होने के बाद भी सूल्याधार-वालखाखाल मार्ग की दशा नहीं सुधर पाई है। मार्ग पर घटिया डामरीकरण और पुश्तों, नालियां का निर्माण मानकों के अनुरूप न होने से दो साल में ही मार्ग खस्ताहाल हो गया है।
आपको बता दें, लोनिवि चंबा ने वर्ष 2017-18 में थौलधार ब्लॉक के डांग तल्ला, मल्ला, काफलपानी, सेमवालगांव, सेलूर, डाबरी, जौलंगी, बमणगांव आदि गांव को जोड़ने वाले साढ़े सात किमी सूल्याधार-वालखाखाल मार्ग का डामरीकरण कार्य किया था। दो साल बाद अब स्थिति यह है कि अधिकांश जगहों से डामर उखड़ गया है।
प्रशासन की इस लापरवाही की शिकायत लोगों ने डीएम से की है। साथ ही कार्योँ की उच्चस्तरीय जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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