चमोली में ग्लेशियर फटने से मची तबाही के बाद इस इलाके में बनी प्राकृतिक झील, वैज्ञानिक करेंगे मुआयना

चमोली जिले में हाल ही में ग्लेशियर फटने से मची तबाही और बाढ़ के बाद मुरेन्डा इलाके में एक प्राकृतिक झील बन गई है।

आईटीबीपी की टीम यहां डीआरडीओ के अधिकारियों के सथा वहां पहुंची, जहां प्राकृतिक झील बन गई है। आईटीबीपी के एक अधिकारी ने कहा कि टीम ने एक हेलीपैड बनाने के लिए एक स्थान का चयन करने के अलावा झील के पास अपना आधार शिविर बनाया है।

एयर क्रू का मार्गदर्शन करने के लिए हेलीपैड को उचित मार्किं ग और अन्य सामग्रियों के साथ विकसित किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि डीआरडीओ टीम के साथ आईटीबीपी के दल ने दिन में झील क्षेत्र की रेकी की।

आईटीबीपी अधिकारी ने कहा कि टीम हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के कारण बनी प्राकृत्रिक झील के खतरे के स्तर तक पहुंचने के लिए झील के सही स्थान की निगरानी करेगी। अधिकारी ने ये भी कहा कि आईटीबीपी की टीम झील के पानी के निर्बाध तरीके से प्रवाह के रास्ते खोल रही है।

गौरतलब है कि 7 फरवरी को एक हिमस्खलन के कारण भयंकर बाढ़ ने धौली गंगा नदी पर तपोवन में 520 मेगावाट की एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना को ध्वस्त कर दिया था। हिमस्खलन ने लगभग 14 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर किया, जिससे चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी में बाढ़ आ गई।

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