UKSSSC पेपर लीक केस में बड़ा खुलासा! ED कर सकती है मामले की जांच

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले की जांच ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय कर सकती है।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक की ईडी से जांच होती है तो रुपयों का लेखा जोखा सामने आ सकता है। मामले में अभी तक एसटीएफ 83 लाख रुपए वसूल चुकी है। एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह इस मामले में अहम खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि एक पेपर 15 से 20 लाख रुपए में बेचा जाता था।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में उत्तराखंड एसटीएफ नकल माफिया को नेस्तनाबूद करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों से भी जानकारी साझा करेगी। साथ ही मजबूत कानूनी शिकंजा कसने के लिए एसटीएफ ने न्यायालय में अब तक पंद्रह अहम गवाहों के बयान दर्ज कराए हैं। साथ ही एसटीएफ ने अपील की है कि ऐसे छात्र जिन्होंने अनुचित साधनों से ये परीक्षा पास की है, वो अभी भी आकर अपने बयान दर्ज कराएं।

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि नकल करने वाले अधिकतर छात्रों की जानकारी एसटीएफ को मिल चुकी है। छात्र अगर अभी जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो भविष्य में ऐसे सभी छात्रों की गिरफ्तारियां की जाएंगी। अभी तक गिरफ्तार कुछ अभियुक्तों के पेपर लीक माध्यम से काफी संपत्ति अर्जित करने के मामले सामने आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अभी तक 83 लाख नकद बरामद हुए हैं। जिसे देखते हुए यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की एफआईआर के साथ प्रारंभिक रिपोर्ट एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) को भेजी जा रही है। भविष्य में भी जो जानकारी अवैध संपत्ति को लेकर विवेचना में आएगी, वो भी केंद्रीय एजेंसी से साझा की जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कही ये बात

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन पेपर लीक मामले में एसटीएफ जांच कर रही है। यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है, जो राज्य के युवाओं और बेरोजगार लोगों से जुड़ा है। हम पारदर्शी से मामले की जांच करेंगे। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक 19 आरोपी गिरफ्तार

गौर हो कि बीते साल 4 और 5 दिसंबर 2021 को स्नातक स्तरीय परीक्षा आयोजित हुई थी। जिसमें 24 जुलाई को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में फजीर्वाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था। इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ की टीम 19 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनमें परीक्षा करवाने वाली कंपनी के टेक्निकल स्टाफ, आयोग के होमगार्ड, कोचिंग संचालक और कुछ मुन्नाभाई शामिल थे।

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