दिल्ली हिंसा: उत्तराखंड के लाल को मिली सबसे बड़ी जिम्मेदारी, पूरा देश NSA डोभाल की ओर देख रहा
दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर रविवार को शुरू हुई दो गुटों में झड़प ने 3 दिन के भीतर पूरी राजधानी को झुलसा दिया।
इस झड़प में अब तक 25 लोगों की जान जा चुकी है। दर्जनों लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है। बेपटरी हुई राजधानी दिल्ली को पटरी पर लाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी उत्तराखंड के दिग्गज और देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को मोदी सरकार ने सौंपी है।
जैसे ही दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को ठीक करने की जिम्मेदारी अजित डोभाल को मिली वो मंगलवार आधी रात को ही अपने आवास से निकल पड़े। दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक, नवनियुक्त विशेष आयुक्त एसएन श्रीवास्तव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और सुरक्षा का जायजा लिया। बुधवार की सुबह होते-होते उन्होंने पूरी दिल्ली को छावनी में तब्दील करवा दिया। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती करवा दी। नतीजा ये हुआ कि बुधवार सुबह पूरी दिल्ली में कहीं से भी कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं आई।
दोपहर तक उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर मौजूदा हालात की जानकारी दी। इसके बाद वो दोपहर में ही उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी के दफ्तर पहुंचे और उन्होंने डीसीपी से हालात का जायजा लिया। इस बैठक के तुरंत बाद वो उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर इलाके में पहुंचे जहां काफी हिंसा हुई है। यहां पर उन्होंने खुद मौके का जायजा लिया और लोगों से बात कर उनमें विश्वास जगाया कि सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। किसी को भी डरने की कोई जरूरत नहीं है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है, जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।
कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त 75 लाल के अजित डोभाल जाफराबाद और सीलमपुर समेत कई प्रभावित क्षेत्रों में गए, जहां उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने तनाव कम करने के लिए विभिन्न समुदायों के नेताओं के साथ बैठक भी की। इन चीजों का असर भी दिखने लगा है। इससे पहले उन्हें कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद घाटी में शांति बहाली की जिम्मेदारी मिली थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया था और कामयाब हुए थे।