हरिद्वार: कोरोना की ‘दूसरी लहर’ के बीच महाकुंभ का आयोजन बड़ा बनी चुनौती, सरकार ने क्या प्लान बनाया?

हरिद्वार में महाकुंभ के आयोजन में अब सिर्फ 10 दिनों का वक्त और बचा है। अभी से ही बड़ी तादाद में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने धर्मनगरी पहुंचने लगे हैं।

इस बीच अचानक कोरोना केस के तेजी से बढ़ते मामलों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उत्तराखंड में भले ही अभी कोरोना से लड़ाई के मोर्चे पर हालात काबू में हो, लेकिन डर है कि बड़ी तादद में दूसरे राज्यों से श्रद्धालुओं के पहुंचने पर कहीं स्थित बेकाबू ना हो जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार अभी से तैयारियों में जुट गई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चाहते हैं कि कुंभ मेले में आने से किसी को नहीं रोका जाए, बल्कि मेला क्षेत्र में कोविड गाइडलाइन को लागू करने की हर तरह की तैयारी करने पर जोर दे रहे हैं। उधर, स्वास्थ्य और मेला प्रबंधन में जुटे अधिकारियों के लिए धर्मसंकट खड़ा हो गया है। उन पर कोविड गाइडलाइन का पालन कैस सख्ती से कराया जाए।

प्रोटोकॉल के तहत कुंभ में आ वाले सभी श्रद्धालुओं की कोरोना जांच अनिवार्य है, लेकिन सीएम पहले ही साफ कर चुके हैं कि कुंभ आने वाले लाखों लोगों की जांच कराना संभव नहीं है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है और कुंभ मेला क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की SOP प्रभावी है। लेकिन एक अप्रैल से कुंभ मेले की अधिसूचना जारी हो जाएगी।

कोरोना के बढ़ते केस पर विशेषज्ञ का मानना है कि नई लहर के खतरे को देखते हुए कुंभ मेला में खास एहतियात बरता जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना मास्क पहनना और कोविड निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्य किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि देशभर में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देश में 40 हजार से भी ज्यादा केस सामने आए हैं। प्रदेश में भी कोरोना फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। पिछले 4 दिनों में राज्य में कोरोना के 297 नए केस सामने आए हैं। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है।

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