उत्तराखंड: 50 लाख रुपये के वन्य जीवों के अंगों के साथ तस्कर गिरफ्तार, करंट देकर तेंदुए को उतारते थे मौत के घाट

उत्तराखंड में एसटीएफ ने वन्य जीवों के अंगों की तस्करी करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

पिथौरागढ़ के सेराघाट से एसटीएफ ने 50 लाख रुपये मूल्य की छह खालों के साथ भारी मात्रा में नाखून एवं दांत बरामद कर एक अंतर्राष्ट्रीय तस्कर को भी गिरफ्तार किया है। वहीं, दूसरा तस्कर फरार होने में कामयाब रहा। कुमाऊं एसटीएफ के प्रभारी एमपी सिंह के मुताबिक, एसटीएफ को सोमवार को खबर मिली कि दो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तस्कर वन्य जीवों के अंगों की तस्करी को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके बाद कुमाऊं एसटीएफ को सक्रिय कर दिया गया। इसके बाद एसटीएफ टीम तस्करों पर लगातार नजर बनाए हुए थी।

कुमाऊं एसटीएफ के प्रभारी एमपी सिंह के ने बताया कि टीम को आखिरकार बड़ी सफलता हाथ लगी और एक तस्कर राहुल सिंह डसीला को सेराघाट के पास से कल गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी के पास से तेंदुए की 6 खालें, 43 नाखून एवं 24 दांत बरामद हुए हैं।

दूसरा तस्कर सोनू डोभाल अंधेरे का फायदा उठाकर फरार होने में कामयाब हो गया। दोनों आरोपी पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के सेरा उर्फ बड़ोली गांव के रहने वाले हैं। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वो सेराघाट के जंगलों में तेंदुए को करंट के माध्यम से मारते थे और खाल निकाल कर नेपाल के तस्करों का ऊंचे दामों में बेच देते थे।

सिंह ने बताया कि बरामद खालें एक से दो वर्ष पुरानी हैं और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमत 50 लाख रुपए आंकी गयी है। तेंदुआ वाइल्ड लाइफ एक्ट में शेड्यूल एक की श्रेणी में आता है और आरोपियों के विरूद्ध बेरीनाग थाना में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने ये भी बताया कि दोनों अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तस्कर हैं और एसटीएफ गिरफ्तार आरोपी से यह भी पता लगाने में जुटी है कि आरोपी नेपाल में कहां और किसकों खालों की तस्करी करता रहा है। एसटीएफ की ओर से कुछ दिन पूर्व उधमसिंह नगर के खटीमा में भी तेंदुए की खाल के साथ पीलीभीत उप्र के एक तस्कर गिरफ्तार किया गया था। टीम फरार आरोपी की तलाश में जुट गयी है।

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