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जनरल बिपिन रावत का वो ‘अधूरा ख्वाब’ जिसे पूरा किए बिना ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ General Bipin Rawat का हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। उनकी पत्नी की भी इस हादसे में मौत हो गई।

रावत के साथ 13 और सेना के अधिकारियों की भी इस हादसे में मौत हो गई। बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। बिपिन रावत की मौत से पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी शोक की लहर है। हर कोई उन्हें याद कर रहा है। दुनिया को अलविदा कहने के साथ ही वो अपने एक ख्वाब को भी अधूरा छोड़ गए हैं। दरअसल बिपिन रावत का मूल निवास उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के सैण बमरौली ग्रामसभा में हैं। कुछ वक्त पहले वो अपने गांव पहुंचे थे। उस दौरान वो अपनी पत्नी मधुलिका रावत के साथ गांव पहुंचे थे। अब जनरल बिपिन रावत का नया घर इस गांव में तैयार हो रहा है। उनकी चाहत इस घर में रहने की थी, लेकिन उनका ये ख्वाब अधूरा ही रह गया।

गांव पहुंचने पर जनरल बिपिन रावत ने यहां से बड़ी तादाद में हो रहे पलायन पर चिंता जताई थी। उन्होंने गांव से पलायन रोकने में लोगों की मदद भी मांगी लोगों से बातचीत में उन्होंने गांव में घर बनाने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद उनके चाचा भरत सिंह रावत ने उन्हें गांव में जमीन भी दिखायी। जनरल बपिन रावत ने चाचा भरत सिंह के आवास के पस ही एक खेत में घर बनाने पर सहमति जताई। खुद गांव वालों का उनके परिवार का कहना था कि जनरल बिपिन रावत अब गांव में ही मकान बनवा रहे हैं। जनरल रावत ने इस इलाके के बच्चों के लिए कोटद्वार में आर्मी पब्लिक स्कूल खोलने की भी बात की थी। गांव तक सड़क बनाने के लिए उन्होंने सरकार से बात करमने का वादा भी किया। इसके बाद कोटद्वार में General Bipin Rawat और उनकी पत्नी मधुलिका रावत ने गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों के लिए आवास बनाने की योजना की आधारशिला भी रखी थी।

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