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उत्तराखंड: कोरोना काल में मिड-डे-मील योजना को प्रदेश सरकार जिस तरह से लागू किया उसकी देशभर में हो रही तारीफ

कोरोना काल में हर किसी की जिंदगी में किसी ना किसी रूप में नुकसान पहुंचाया है। छात्र भी इससे अछूते नहीं हैं।

खासकर उन छात्रों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है, जो सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, क्योंकि स्कूल बंद होने की वजह से छात्र स्कूल नहीं जा रहे है और इस वजह से मिड-डे-मील भी नहीं मिल रहा है। ऐसे ही छात्रों को उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने मिड-डे-मील योजना के तहत 38 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई है। ताकि उनका भरण-पोषण हो सके। प्रदेश सरकार के इस कदम की केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी तारीफ की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भारत सरकार की इस सराहना को अधिकारियों के मनोबल को ऊंचा करने वाला बताया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से मिड-डे-मील योजना की बेहतर व्यवस्था की जा सकी। मिड-डे-मील का पैसा छात्रों के खाते में ट्रांसफर किया गया।

वहीं शिक्षा सचिव ने बताया कि एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए कि लॉकडाउन में भी बच्चों को मिड-डे-मील मिलता रहे, लेकिन खाना देनी की व्यवस्था नहीं बन पाने की वजह से बच्चों के खाते में डीबीटी के जरिये पैसे भिजवाए हैं

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