ये है उत्तरकाशी का ‘शहद गांव’, उत्तराखंड समेत पूरे देश में है खास पहचान, शहद से लोग कर रहे हैं शानदार कमाई

उत्तराखंड समेत पूरे देश में उत्तरकाशी की एक अलग पहचान है। देवभूमि का ये जिला कई चीजों के लिए मशहूर है।

उत्तरकाशी में एक गांव है मानपुर, जो शहद की खेती के लिए सुर्खियों में है। जिले का ये गांव राज्य का हनी गांव बनने की ओर अग्रसर है। इस गांव के लोग पारंपरिक खेती के अलावा मौन पालन भी कर रहे हैं। शहद से गांव के लोगों आर्थिक स्थिति में सुधार हो राह है। ये गांव दूसरे गांवों को भी प्रेरित कर रहा ह। पास के गांवों के लोग भी मौन पालन की ओर बढ़ रहे हैं।

मानपुर गांव में 261 परिवार रहते हैं। इनें 92 परिवार मौन पालन से जुड़े हुए हैं। डीएम मयूर दीक्षित के निर्देश पर एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के अधिकारी गांव के लोगों को प्रोत्साहित करने का कामा कर रहे हैं। मानपुर गांव जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 12 किलोमी की दूरी पर है। यहां मौन पालन के लिए आदर्श हालात हैं। एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की तरफ से यहां वित्तपोषित मौन पालन योजना संचालित की जा रही है। कुछ महीने पहले ने इस गांव का निरीक्षण किया था। उन्होंने गांव के हर परिवार को मौन पालन से जोड़ने की अपील की थी।

ऐसा नहीं है कि इस गांव के लोग पहली बार इस व्यवसाय से जुड़े हैं। कई ग्रामीण सालों से मौन पालन से जुड़े हुए हैं। शूरवीर सिंह भंडारी ऐसे ही लोगों में से एक हैं। वो साल 1972 से मौन पालन का काम कर रहे हैं। शूरवीर सिंह की दिली इच्छा है कि मानपुर को हनी गांव के तौर पहचान मिले। शूरवीर सिंह कहते हैं कि अगर गांव का हर परिवार मौन पालन से जुड़ा तो वो खेती और प्रकृति से भी जुड़ेगा। साथ ही इससे आजीविका के स्रोत विकसित होंगे, तो गांव के युवाओं को रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा।

मानपुर को हनी गांव के तौर पर पहचान दिलाने में यहां के ग्रामीणों के साथ जिला प्रशासन का भी खास योदान दे रहा है। प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को शहद की खेती के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों को शहद को बाजार मुहैया कराने के लिए प्रशासन द्वारा खास कोशिशें की जा रही हैं।

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