फोटो: न्यूज नुक्कड़
उत्तराखंड समेत पूरे देश में कोरोना महामरी के चलते लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इस मुश्किल घ़ड़ी राज्य सराकर लोगों की जिंदगी को आसान बना रही है।
प्रदेश सरकार की एकीकृत आजीविका परियोजना अल्मोड़ा जिले की लगभग तीस हजार परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। आजीविका संवर्धन के क्षेत्र में कार्यरत आईएलएसपी.के आजीविका संघों द्वारा लाभकारी व्यवसायों के तहत ग्रामीण महिलाओ द्वारा सब्जी पौध, चारा बीज, पशुपोशक आहार, सैनेटाइजेशन, मास्क, गेहं पिसाई और कटाई, जैली जैम, मसाले, हर्बल चाय समेत अनेक प्रकार के उत्पादकों को बना कर व्यवसाय किया गया है।
कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन अवधि में आजीविका संघों से जुड़ी महिलाओं द्वारा लॉकडाउन की अवधि में 80 लाख का व्यवसाय किया गया है। आजीविका की ये पहल जहां हजारों महिलाओं का रोजगार और आमदनी का साधन बन रहे हैं, वहीं उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के पलायन रोकने में भी कारगर साबित हो रहे हैं।
परियोजना प्रबन्धक कैलाश चन्द्र भट्ट ने बताया कि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से लगभग 90 हजार मास्क महिलाओ द्वारा तैयार कर लगभग 9 लाख से अधिक धनराशि का व्यवसाय किया गया है। वहीं जिले में 8 ग्रामीण सहकारी उद्योग बनाए गए हैं, जिसमे महिलाओ द्वारा बनाए गए उत्पादकों को बाजर में बेचा जा रहा है, जिसका सीधा लाभ इन महिलाओं को मिल रहा है।
(अल्मोड़ा से हरीश भंडारी की रिपोर्ट)
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