बिहार में चमकी बुखार का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस दिमागी बुखार से अब तक मुजफ्फरपुर में 54 बच्चों की मौत हो चुकी है।
जिसमें से 46 बच्चों की मौत सिर्फ श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हो चुकी है। इस बीमारी को एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम भी कहा जाता है। सबसे ज्यादा 15 साल के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहन है कि इस बुखार के प्रमुख लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर में रह-रहकर कंपन होना है।
हर साल गर्मियों में चमकी बुखार मुजफ्फरपुर में अपना कहर बरपाता है। हालांकि पिछले साल कम गर्मी पड़ने की वजह से इस बीमारी का प्रभाव थोड़ा कम था। बच्चों की मौत की वजह पर डॉक्टर्स की अलग-अलग राय है। कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि इस साल बिहार में अब तक बारिश नहीं हुई है। इसकी वजह से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। वहीं बच्चों के बीमार होने के पीछे ‘लीची कनेक्शन’ को भी देखा जा रहा है।
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