कौन हैं अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी?

भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। भारत में जन्मे 58 साल के अभिजीत बनर्जी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में प्रोफेसर हैं।

अभिजीत बनर्जी के साथ ही उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और हावर्ड यनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर माइकल क्रेमर को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अभिजीत की पत्नी एस्थर डुफ्लो भी MIT में प्रोफेसर हैं। अमर्त्य सेन के बाद अभिजीत दूसरे भारतवंशी है जिन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया गया है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अमर्त्य सेन को 1998 में यह सम्मान दिया गया था।

तीनों इकोनॉमिस्ट को ‘वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग’ के उनके शोध के लिए सम्मानित किया गया है। इकनॉमिक साइंसेज कैटिगरी के तहत यह सम्मान पाने वाले अभिजीत बनर्जी भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। इस सम्मान के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें बधाई दी है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीतने पर अभिजीत बनर्जी को बधाई। अभिजीत ने ‘न्याय योजना’ तैयार करने में मदद की जो गरीबी को खत्म करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की शक्ति थी। इसके बजाय अब हमारे पास मोदीनॉमिक्स है, जो अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रहा है और गरीबी को बढ़ा रहा है।”

कौन हैं अभिजीत बनर्जी?

अभिजीत बनर्जी मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में इकनॉमिक्स के प्रफेसर हैं। वह अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के को-फाउंडर हैं। अभिजीत ब्यूरो ऑफ द रिसर्च इन इकोनॉमिक एनालिसिस ऑफ डेवलपमेंट के पूर्व प्रेसिडेंट भी हैं। इसके साथ ही अभिजीत सेंटर फॉर इकोनॉमिक एंड पॉलिसी रिसर्च के फेलो और अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स-साइंसेज एंड द इकोनॉमिक्स सोसाइटी के फेलो भी रह चुके हैं। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने महत्वकांक्षी ‘न्याय योजना’ के लिए अभिजीत बनर्जी समेत दुनियाभर के दूसरे अर्थशास्त्रियों से राय ली थी। आपको बता दें कि कांग्रेस ने चुनाव के वक्त ये वादा किया था कि अगर वो सत्ता में आती है तो हर गरीब के खाते में सालाना 72 हजार रुपये डाले जाएंगे। पार्टी की तरफ से कहा गया था कि कांग्रेस की ये योजना गरीबों को मिनिमम इनकम की गारंटी देगी।

अभिजीत बनर्जी का जन्म 21 फरवरी 1961 में मुंबई में हुआ था। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, JNU और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। अभिजीत ने हार्वर्ड से 1988 में PHD की थी। अभिजीत की पहली शादी MIT की प्रोफेसर डॉ. अरुंधति बनर्जी से हुई थी। जिससे उनका 1991 में तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने दूसरी शादी की।

‘मोदीनॉमिक्स’ के आलोचक हैं अभिजीत बनर्जी

अभिजीत बनर्जी कई बार मोदी सरकार की इकोनॉमिक पॉलिसी की मुखालफत कर चुके हैं। 2016 में हुई नोटबंदी की भी अभिजीत बनर्जी ने आलोचना करते हुए कहा था कि इससे बहुत ज्यादा नुकसान होगा। नोबल पुरस्कार जीतने के बाद अभिजीत ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर पहली प्रितिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अभी उपलब्ध आंकड़े यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द सुधरने वाली है।

newsnukkad18

Recent Posts

उत्तराखंड के रुड़की में भीषड़ सड़क हादसा, 4 लोगों की दर्दनाक मौत

Roorkee Car Accident: उत्तराखंद के रुड़की में भीषड़ सड़क हादसा हुआ है। रुड़की के मंगलौर…

7 days ago

उत्तराखंड स्थापना दिवस पर अल्मोड़ा के लोगों को क्यों लिखना पड़ा ‘खून’ से पत्र? पढ़िए

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में राज्य स्थापना दिवस (Uttarakhand Foundation Day) के मौके पर चौखुटिया विकासखंड…

2 weeks ago

देहरादून: CM धामी ने राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का किया शुभारंभ, करोड़ों की योजनाओं का लोकार्पण भी किया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड देहरादून में आयोजित राज्य स्तरीय युवा…

2 weeks ago

प्रियंका गांधी ने वायनाड से दाखिल किया नामांकन, राहुल-सोनिया गांधी समेत कई नेता रहे मौजूद

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के…

4 weeks ago

उत्तराखंड कैबिनेट ने पशुपालकों को दी बड़ी सौगात, लिए कई बड़े फैसले, पढ़िए…

उत्तराखंड के देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक…

4 weeks ago

This website uses cookies.