अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है। पूरी दुनिया ने पुलवामा हमले के मास्टमाइंड मसूद अजहर को आतंकी मान लिया है।
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र ने जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को ग्लोबल टेटरिस्ट घोषित कर दिया है। भारत ने पुलवामा हमले के बाद से ही मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिशें तेज कर दी थी। 75 दिन बाद अब भारत को कामयाबी मिल गई है। मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस शामिल हैं लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन चीन बार-बार वीटो लगा दे रहा था। चीन ने मार्च 2016 से इस साल की शुरुआत तक चार बार वीटो लगाया। अब पांचवी पर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर राजी हो गया। यूनाइटेड नेशन में भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी। इसके साथ ही उन्होंने सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद किया।
फैसले का हुआ स्वागत
मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के फैसले का फ्रांस ने स्वागत किया है। फ्रांस कई सालों से अजहर को आतंकी घोषित करवाने की कोशिश में जुटा था। फ्रांस की सरकार ने मसूद अजहर पर 15 मार्च को ही बैन लगा दिया था।
बीजेपी ने बताया मोदी की जीत
मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने को बीजेपी ने पीएम मोदी की बड़ी जीत बताया है। बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ”भारत को मिली आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक सफलता। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुलवामा आतंकी हमले का दोषी मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित। मोदी है तो मुमकिन है।”
मसूद अजहर का अब क्या होगा?
अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बाद मसूद अजहर यूएन के स्दस्य राष्ट्र देशों की यात्रा नहीं कर पाएगा। मसूद की चल-अचल संपत्ति फ्रीज की जाएगी। यूनाइटेनड नेशन से जुड़े देश अब किसी भी तरह से इस आतंकी की मदद नहीं कर पाएंगे। उसे कोई भी किसी भी तरह से हथियार नहीं दे पाएगा।
कौन है मसूद अजहर?
दुनिया जानती है कि मसूद अजहर आतंकवादी है। पाकिस्तान ने इस आतंकी को पनाह दे रखी है। मसूद अजहर 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर में एक्टिव रहा है। 1999 में आतंकियों ने कंधार में प्लेन हाइजैक कर लिया था। जिसके बाद भारत को मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा था। मसूद अजहर 2001 में संसद पर हुए हमले का दोषी है। 2016 में पंजाब के पठानकोठ एयरबेस और इसी साल उरी में सेना के हेडक्वॉटर पर हमले का भी जिम्मेदार है।
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