पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर कुमाऊं समेत पूरा उत्तराखंड गर्व महसूस कर रहा है।
भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद बागेश्वर जिले के चेताबगड़ गांव के लोगों में खुशी की लहर है। 67 साल के कोश्यारी इसी गांव में जन्मे थे। भगत सिंह कोश्यारी इस क्षेत्र से राज्यपाल बनने वाले तीसरी शख्सियत हैं। कुमाऊं से कोश्यारी के आलावा इस क्षेत्र के दो और दिग्गजों ने राज्यपाल बनकर इस इलाके का मान बढ़ाया था। इससे पहले अल्मोड़ा के भैरव दत्त पांडे और नैनीताल के दिग्गज कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी को राज्यपाल बनने का अवसर मिल चुका है।
एनडी तिवारी:
नैनीताल जिले के बल्यूटी गांव में 18 अक्टूबर 1925 को जन्मे नारायण दत्त तिवारी उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश के दिग्गज नेताओं में शुमार थे। वो केंद्र सरकार में वित्त और उद्योग मंत्री रहने के अलावा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने। साल 2007 में उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था। 18 अक्टूबर, 2018 को एनडी तिवारी का निधन हो गया था।
भैरव दत्त पांडे:
अल्मोड़ा मूल के आइसीएस रहे भैरव दत्त पांडे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सरकार में कैबिनेट सचिव थे। भैरव दत्त पांडे पश्चिम बंगाल और पंजाब के राज्यपाल रहे थे। उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। कुछ समय के लिए वो चंडीगढ़ के उप-राज्यपाल भी रहे थे। भैरव दत्त पांडे का जन्म अल्मोड़ा में 17 मार्च, 1917 को हुआ था। 4 अप्रैल, 2009 को उनका निधन हो गया था।
डीके जोशी:
एडमिरल डीके जोशी अंडमान-निकोबार के उप-राज्यपाल हैं। चार जुलाई, 1954 को अल्मोड़ा में जन्मे जोशी परम विशिष्ट मेडल समेत कई सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं। रिटायर होने के बाद वो रानीखेत में रहने लगे थे।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रेवतीपुर ब्लॉक में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।…
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश राज्य और अन्य संबंधित अधिकारियों को कोल्लेरू झील के कथित…
उत्तराखंड के में केदारनाथ यात्रा से इस साल भी रुद्रप्रयाग जिले के महिला स्वयं सहायता…
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। चारधाम यात्रियों के लिए अच्छी खबर हैं।…
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक…
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham( के कपाट शुक्रवार को विधि-विधान और पूजा-अर्चना के साथ…
This website uses cookies.