उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड ने तीन पावर प्रोजेक्ट के तीन साल के मेंटेनेंस कार्यों में हुए खर्च की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। ये आदेश राज्य सरकार की ओर से दिए गए हैं। ये जांच अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान करेंगे। प्रशासन की ओर से अरुणेंद्र सिंह चौहान को एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है।
आपको बता दें, प्रशासन के आदेश के बाद साल 2016 से 2019 के बीच छिबरो, डाकपत्थर और खोदरी पावर प्रोजेक्ट में हुए मेंटेनेंस कार्यों में आए खर्च की जांच की जाएगी। जानकारी के मुताबिक इसके मेंटेनेंस कार्यों में 95.86 करोड़ का खर्च आया था। खबर ये भी है की शुरूआती जांच में दायरे में दो पूर्व प्रबंध निदेशक का नाम आ रहा है, पहला यूजेवीएनएल के पूर्व एमडी एसएन वर्मा और दूसरा पूर्व एमडी यूपीसीएल बीसीके मिश्रा।
बताया जा रहा है कि इतना ही नहीं इसके अलावा कई अन्य निदेशक ऑपरेशन, महाप्रबंधक और अधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। आरोप है कि छिबरो, डाकपत्थर, खोदरी पावर प्रोजेक्ट के मेंटेनेंस कार्यों के लिए सामान्य बाजार दर से कई गुना ज्यादा महंगा सामान खरीदा गया था। जिसमें बंच, केबल, वेंटिलेशन उपकरण, स्विच यार्ड ब्रेकर आदि शामिल हैं।
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