उत्तराखंड की सरकार ने प्रदेश के मदरसों और उसमें पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए बड़ा ऐलान किया है।
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित सेमिनार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेश में मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए हर साल दो करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का रुका मानदेय दो हफ्ते के भीतर दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षकों का साल 2016-17 के मानदेय का 13 लाख रुपया केंद्र सरकार से मिल चुका है। वहीं, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के मानदेय के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया गया है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने ये भी कहा कि इन योजनाओं में कोई कटौती नहीं की गई है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रस्ताव न आने से इन योजनाओं के लिए आवंटित की गई राशि का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
सेमिनार को संबोधित करते हुए यशपाल आर्य ने कहा कि पिछले 6 सालों में प्रधानमंत्री जन विकास योजना के तहत 106 करोड़ रुपये मिले। उन्होंने बताया कि मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास हो चुका है। इसके अलावा मदरसों की मान्यता नियमावली के प्रस्ताव को भी कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है। उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्ड की नियमावली बनने से मदरसों की मान्यता का रास्ता साफ हो गया है।
यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य सरकार भी अल्पसंख्यकों के विकास में लगातार जुटी पुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हुनर योजना के तहत बेहतर काम किया जा रहा है। मंत्री ने बतया कि इस योजना के तहत देहरादून के दो मदरसों को लिया गया है। इन मदरसों में बच्चों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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