भ्रष्टाचार किस कदम हमारे सिस्टम में घर कर गया है। इसकी एक बानगी पौड़ी गढ़वाल में देखने को मिली।
यहां खिर्सू ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोखरी में मुर्दों को भी सरकारी योजनाओं का फायदा दिया जा रहा है। ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान ने 6 साल पहले मर चुके शख्स से भी मनरेगा में मजदूरी कराई है और भुगतान भी किया है। यही नहीं पूर्व प्रधान ने अपने ऑफिस में होमगार्ड को भी मनरेगा मजदूरी का भुगतान किया है। भ्रष्टाचार का खुलासा विभाग की तरफ से की गई जांच में हुआ है। मामला सामने आने के बाद पौड़ी के डीएम ने पूर्व प्रधान को नोटिस भेजकर 15 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है। डीएम ने कहा कि वक्त के अंदर जवाब नही दिया जाता है तो पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व प्रधान ने मरे हुए व्यक्ति को साल 2015 में 10 दिनों का 1740 रुपये का भुगतान किया गया है जबकि साल 2011 में इस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। इसके अलावा ग्राम प्रधान ने होमगार्ड में कार्यरत एक शख्स को भी मनरेगा मजदूरी का भुगतान किया है जबकि नियम के मुताबिक होमगार्ड में तैनात व्यक्ति मनरेगा श्रमिक नहीं बन सकता। इसके अलावा एक श्रमिक को एक ही तारीख पर दो कामों का भुगतान किया गया है। जो संभव नहीं है। डीपीआरओ ने बताया कि पूर्व ग्राम प्रधान कि ओर से जो अनिमियता की गई है इसकी पुष्टि विभागीय जांच में हो चुकी है। पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी पौड़ी डा. विजय कुमार जोगदंडे को सौंप दी गई है।
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