देश के नौकरशाह अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कितने लापरवाह हैं इसका एक मामला टिहरी गढ़वाल में सामने आया है।
यहां जिला अधिकारी ने एक मीटिंग बुलाई, जिसमें दो अधिकारी नदारद रहे। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई इस मीटिंग में अधाकारियों के नदारद रहने पर डीएम ईवा श्रीवास्तव ने उनसे जवाब मांगा और उनका वेतन काटने का निर्देश दे दिया। दरअसल जिलाधिकारी ने ईवा आशीष श्रीवास्तव ने शहर की योजनाओं को लेकर एक समीक्षा बैठक बुलाई थी। जिसमें अधिशासी अभियंता लोनिवि नरेंद्रनगर मो. आरिफ खान और अधिशासी अभियंता राजकीय सिंचाई नरेंद्रनगर कमल सिंह बैठक में नहीं पहुचें। जिसको लेकर डीएम नें तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेश तक दोनों अधिकारियों के वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण मांगा है।
मीटिंग में शामिल दूसरे अधिकारियों को डीएम ने चेताया कि अगर 1 अप्रैल को अगर योजना का एक भी पैसा उनके पास बचा रह जाता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई तय है। इसके साथ ही अगर कोई अधिकारी 15 मार्च के बाद बिना उनकी अनुमति के धनराशि सरेंडर करता है तो संबधित अधिकारियों को भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ये भी साफ किया कि जो विभाग धनराशि खर्च नहीं कर पा रहा है, वे 24 घंटे में धनराशि को सरेंडर कर दे, ताकि जिन विभागों द्वारा अतिरिक्त धनराशि की मांग की जा रही है, उनको आवंटित की जा सके।
बैठक में ईई लोनिवि कीर्तिनगर ने 16 लाख, मुख्य कृषि अधिकारी ने 16 लाख, लोनिवि टिहरी ने पूल्ड हाउस हेतु 20 लाख, उरेडा ने 10 लाख रुपए की अतिरिक्त मांग जिलाधिकारी के समक्ष रखी। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में अलग-अलग विभागों को आवंटित 63 करोड़ 37 लाख दिया गया। फरवरी 2021 के आखिर तक 57 करोड़ 42 लाख ही खर्च किया गया।
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