उत्तराखंड में शीतकाल के लिए चारों धामों के कपाट को बंद करने की तारीख की घोषणा कर दी गई है।
बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को दोपहर बाद 3.35 मिनट पर बंद हो जाएंगे। रावल ईश्वरप्रदास नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल, देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारियों, मंदिर समिति से जुड़े लोगों और भक्तों की मौजूदगी में कपाट बंद करने की तारीख की घोषणा की गई। बद्रीनाथ के अलावा 15 नवंबर को गंगोत्री, 16 नवंबर को यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट बंद किए जाएंगे।
भुवनचंद्र उनियाल के मुताबिक, जब सूर्य वृश्चिक राशि में रहता है, तब इसकी आधी अवधि तक मनुष्यों का बद्रीनाथ धाम में पूजा का अधिकार रहता है। इसके बाद यहां पूजा करने के अधिकार देवताओं का रहता है। बद्रीनाथ उत्तराखंड के चारधाम में भी शामिल है। ये तीर्थ अलकनंदा नदी के किनारे है। ये धाम करीब 3,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। शीतकाल में यहां का वातावरण बहुत ठंडा हो जाता है, बर्फबारी होती है, इस वजह से बद्रीनाथ मंदिर के कपाट शीत ऋतु में बंद कर दिए जाते हैं।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश के अनुसार, इन दिनों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में देशभर के भक्तों को दर्शन कराए जा रहे हैं। इसके लिए बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।
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