NRC यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की चर्चा पूरे देश में हो रही है। केंद्र सरकार की ओर से लगातार यह बयान आ रहा है कि इस पूरे देश में लागू किया जाएगा।
संसद के शीतकाली सत्र में राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा कि असम की तरह ये पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धरी-धीरे पूरे देश में इस प्रक्रिया को लागू किया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की NRC पर प्रतिक्रिया आई है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने कहा कि हम इसका उत्तराखंड स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि NRC उत्तराखंड में भी लागू किया जाएगा और जो भी घुसपैठिये हैं, उन्हें राज्य से निकाल कर बाहर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि घुसपैठियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ समय-समय पर सवाल खड़े किए जाते रह हैं, ऐसे में NRC लागू किए जाने के बाद सभी सवालों का हल निकल जाएगा।
एनआरसी क्या है?
NRC से पता चल जाएगा है कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं। जिनके नाम इसमें शामिल नहीं होते हैं, उन्हें अवैध नागरिक माना जाता है। असम में ये प्रक्रिया जारी है। अब तक एनआरसी सूची से 19 लाख लोग बाहर हो चुके हैं। 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है। इसके बाद जो लोग आए हैं, उन्हें विदेशी नागरिक माना गया है। लोगों को दस्तावेजों के जरिए ये साबित करना होगा कि वो 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रह हैं, तभी उन्हें NRC सूची में शामिल किया जाएगा।
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