1965 की जंग के हीरो और परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का यूपी के गाजीपुर में निधन के बाद उनसे जुड़ी कई यादें लोग ताजा कर रहे हैं।
10 सितंबर 2017 को उस वक्त पूरे देश की निगाहें आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत पर जा टिकी थीं, जब उन्होंने वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी को सैल्यूट किया और उनका पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। रसूलन बीबी ने आर्मी चीफ को आशीर्वाद देते हुआ कहा था कि बिपिन रावत मेरे बेटे की तरह हैं। ऐसा शायद पहला मौका था जब कोई आर्मी चीफ सार्वजनिक सभा में किसी के पैर छूकर आशीर्वाद लिए हों। समारोह के दौरान आर्मी प्रमुख से बातचीत में रसूलन बीबी ने प्यार से बाबू कहते हुए पूछा था कि क्या आपने पानी पीया और कुछ खाया क्या?
रसूलन बीबी ने अपने पति वीर अब्दुल हमीद की पुण्यतिथि के मौके पर गाजीपुर में अपने गांव धामूपुर गांव में समारोह आयोजित किया था। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आर्मी चीफ बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ पहुंचे थे। आर्मी प्रमुख को इस समारोह में आने के लिए न्योता देने रसूलन बीबी खुद दिल्ली खुद गई थीं। रसूलन बीबी के बुलावे पर आर्मी चीफ बिपिन रावत उनके गांव पहुंचे थे। आर्मी प्रमुख ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा था कि रसूलन बीबी मेरी मां की तरह हैं। मुझे लगा जैसे मैं अपनी मां का सत्कार कर रहा हूं। इसलिए मैं उनके सामने झुक गया और सम्मान से उनके पैर छुए।
समारोह के बाद रसूलन बीबी ने कहा था कि जनरल रावत मेरे बेटे की तरह हैं। उन्होंने मेरे पैर छुए। यह मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है। मैंने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया और सभी मोर्चों पर बड़ी सफलता की कामना की। मैं काफी खुश हूं कि वो मेरे निमंत्रण पर मेरे गांव आए।
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कौन थे वीर अब्दुल हमीद?
वीर अब्दुल हमीद ने 1965 की जंग में पाकिस्तान के गुरूर को मिट्टी में मिला दिया था। वो वीर अब्दुल हमीद ही थे जिन्होंने 1965 की जंग की तस्वीर बदल कर रख दी थी। कहा जाता है कि अगर वीर अब्दुल हमीद न होते तो न जाने 1965 की जंग की तस्वीर क्या होती। अमेरिका से प्राप्त टैंक को लेकर पाकिस्तान का गुरूर सातवें आसमान पर था। उस वक्त कहा जा रहा था कि जिस टैंक को पाकिस्तान जंग में भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा था, उसका बाल भी बांका नहीं किया जा सकता।
अमेरिकी टैंक लिए पाकिस्तान ने सीना ताने भारत पर हमला बोल दिया था। उस वक्त खेमकरण सैक्टर के आसल उत्ताड़ में वीर अब्दलु हमीद तैनात थे। जैसे ही ये खबर मिली की पाकिस्तान ने हमला कर दिया है। वो बॉर्डर पर पाकिस्तान से मोर्चा लेने के लिए खड़े हो गए। वीर अब्दुल हमीद ने सिर्फ अपनी ‘गन माउन्टेड जीप’ से उस समय के अजय कहे जाने वाले 6 पाकिस्तानी ‘पैटन टैंकों’ को नेस्तानाबूत कर दिया था। पाकिस्तान से लोहा लेते हुए वो जंग में शहीद हो गए थे।
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