देश में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या घटने के बीच उत्तराखंड के उत्तरकाशी से परेशान करने देने वाली खबर सामने आई है।
उत्तरकाशी में 82 गांवों में अचानक बालिकाओं के कम लिंगानुपात होने की खबर के बाद स्वास्थ्य महके में हड़कंप मच गया है। इन 82 गांवों में 16 गांव ऐसे हैं, जहां 6 महीने के भीतर 1 भी बेटी बैदा नहीं हुई है। गौर करने वाले बाय ये है कि इन 16 गांवे में बीते 6 महीने में 3 से ज्यादा प्रसव हुए, बावजूद इसके एक भी बेटी पादा नहीं हुई। बाकी 66 गांवों में लड़कों की तुलना में पैदा हुई बेटियों की संख्या भी कम रही है। ये मामला सामने आने के बाद सरकार में बेचैनी बढ़ गई है। सवाल ये कहीं इसके पीछे कोई बड़ा खेल तो नहीं है।
राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। डीएम डॉ. आशीष चौहान ने मामले में स्वास्थ्य विभाग के अलावा दूसरे विभागों के साथ बैठक की है। डिप्टी सीएमओ डॉ. सीएस रावत ने बताया कि 133 गांवों में कई ऐसे भी हैं जहां बीते तीन माह में सिर्फ एक-एक प्रसव ही हुए हैं। ऐसे में उन्हें रेड जोन से बाहर रखा गया है। इन गांवों में बालिकाओं के घटते लिंगानुपात की जांच की जाएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरकाशी 3 महीने के भीतर 935 प्रसव हुए हैं। इसमें 496 बेटे और 439 बेटियों ने जन्म लिया। रेड जोन से बाहर जिले में 129 गांव ऐसे भी हैं, जहां बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या ज्यादा है। अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए गए हैं। अगले हफ्ते तक इसकी रिपोर्ट आने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।
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