हिंदू धर्म की धरोहरों में से एक, विख्यात लक्ष्मण झूला शायद अब इतिहास बनकर रह जाएगा। आने वाले दिनों में इस पुल से होकर शायद ही आपको गंगा पार करने का मौका मिलेगा।
लक्ष्मण झूला को राज्य सरकार ने फिलहाल अस्थाई रूप से बंद करने का ऐलान किया है। इस संबधन में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि लक्ष्मण झूला की जगह पर गांग पर दूसरे पुल का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही दूसरे पुल का निर्माण शुरू होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्मण झूला बहुत पुराना हो गया था, ऐसे में ये लोगों के भार को हसने में सक्षम नहीं था। उन्होंने कहा कि इस पुल को बंद करने के अलावा सरकार के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि झूला कमजोर होने की वजह से इससे होकर गुजरने वाले हजारों श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को खतरा था। सीएम ने कहा कि लक्ष्मण झूले को सांस्कृतिक धरोहर स्थल के रूप में कैसे संरक्षित किया जाए, इस पर जानकारों की राय ली जाएगी।
ये हैं लक्ष्मण झूला का इतिहास:
लक्ष्मण झूले की मान्यता सांस्कृतिक धरोहर के रूप में है। इसका निर्माण 1923 में किया गया था। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, यहीं से लक्ष्मण ने जूट की रस्सियों के सहारे गंगा पार की थी। लक्ष्मण झूला ऋषिकेश घूमने आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र है। इस पुल पर ढेर सारी हिंदी फिल्में और सीरियल भी शूट किए जा चुके हैं। इनमें गंगा की सौगंध, सन्यासी और सीआईडी सीरियल का नाम शामिल है। लक्ष्मण झूला दो गांवों टिहरी के तपोवन और पौड़ी के जोंक जिले को आपस में जोड़ता है।
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