फोटो: सोशल मीडिया
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर अयोध्या में दी गई 5 एकड़ जमीन को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सोमवार को कबूल कर लिया।
वक्फ बोर्ड कार्यलय में चली 6 सदस्यों के साथ लम्बी बैठक के बाद रौनाही में दी गई जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड की ओर से रजामन्दी मिल गई है, लेकिन वक्फ बोर्ड के इस फैसले से ऑल इंडिया शिया चांद कमेटी को ऐतराज है। कमिटी के अध्यक्ष और शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं।
मौलाना सैफ अब्बास ने अपने बयान में कहा कि मस्जिद के एवज में दी गई कोई और जमीन कुबूल नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि इस्लाम में मस्जिद के बदले कोई और जगह लेने की इजाजत नही है, जिसके चलते वक्फ बोर्ड का यह फैसला एकदम गलत है। सैफ अब्बास ने कहा कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खुशामत में लगे हैं और इस जगह को लेकर कोई घोटाला करने की फ़िराक में है। आगे बोलते हुए मौलाना सैफ अब्ब्स ने कहा कि अगर पूरे मुस्लिम समाज से भी पूछा जाए तो वह भी यही कहेगा कि मस्जिद के बदले यह 5 एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिए। मौलाना सैफ अब्बास ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले को गलत बताया और कहा कि वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को ये 5 एकड़ जमीन नही कबूल करना चाहिए थी।
वहीं, दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि मस्जिद के एवज में कोई दूसरी जमीन लेना शरीयत के खिलाफ है। सुन्नी वक्फ बोर्ड अपनी सियासी मजबूरी के तहत कर रहा काम है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का इससे कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि मस्जिद न शिफ्ट की जा सकती है न कोई बदल हो सकता है, न मस्जिद के बदले कोई दूसरी जमीन कबूल की जा सकती है
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