फोटो: सोशल मीडिया
राहुल गांधी का कहना है कि उन्होंने ‘न्याय’ स्कीम पर पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की राय ली थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की इस योजना का अच्छा बताया था।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब से मिनिमम इनकम गारंटी का वायदा किया है तभी से ये चर्चा आम है कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो ‘न्याय’ स्कीम को कैसे लागू करेगी? क्योंकि इस स्कीम के लागू होने के बाद सरकारी खजाने पर 3.60 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझा पड़ेगा। कांग्रेस ये पहले ही साफ कर चुकी है इस स्कीम को लागू करने के बाद वो दूसरी चीजों पर दी जा रही सब्सिडी को खत्म नहीं करेगी। अनुमान के मुताबिक अगर ऐसा हुआ तो इस हालत में सरकार पर करीब 7 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था इस हाल में नहीं कि इतनी रकम सब्सिडी के तौर पर दे दी जाए।
भले ही लोगों के गले से ये नहीं उतर रहा हो कि कोई भी सरकार इस स्कीम को लागू पर पाएगी, लेकिन राहुल गांधी का कहना है कि उन्होंने ‘न्याय’ स्कीम पर पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की राय ली थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की इस योजना का अच्छा बताया था। जयपुर की चुनावी रैली में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि न्यूनतम आय योजना के लिए उनकी पार्टी ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सहित दुनियाभर के प्रमुख अर्थशास्त्रियों से चर्चा की थी। उनकी पार्टी ने छह महीने तक इस स्कीम पर काम कर रही थी क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 लाख रुपये बैंक खाते में डालने के झूठ को सच्चाई में बदलना चाहती थी।
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ही चुनावी घोषणा की थी कि अगर उनकी पार्टी 2019 मं सत्ता मं आती है तो वह देश के 20 फीसदी सबसे गरीब परिवारों को सालाना 72,000 रुपये न्यूनतम आय के तहत देगी। हालांकि कांग्रेस पार्टी की इस योजना को बीजेपी धोखा बता रही है।
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