कश्मीर के विकास को लेकर मंगलवार को गृहमंत्री ने एक बड़ी बैठक की। गृह मंत्रालय में हुई इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के पंच और सरपंच शामिल हुए।
मुलाकात के दौरान जम्मू-कश्मीर के प्रितनिधिमंडल को ये भरोसा दिलाया गया कि सूबे में जल्द ही सरकारी सेवाओं के लिए भर्तियां शुरू की जाएंगी। साथ ही ये कोशिश की जाएगी कि बिना सिफारिश के हर गांव में कम से कम 5 लोगों को नौकरी मिले। मीटिंग में पंचों और सरपंचों को ये भी आश्वासन दिया गया कि वहां ब्लॉक स्तरीय चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
गृह मंत्रालय में पंच और सरपंच के अलावा अमित शाह से फल उत्पादकों, व्यापारियों, 1947 के समय से ही विस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल ने भी मुलाकात की। सभी ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर उन्हें और मोदी सरकार को बधाई दी। इस मौके पर शाह ने कहा कि सूबे से अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में संविधान के 73वें और 74वें संशोधन एक्ट लागू है जिससे राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होगी।
मीटिंग में सरपंचों ने राज्य में मोबाइल कनेक्टिविटी का भी मुद्दा उठाया, जिसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि जल्द ही मोबाइल सेवा बहाल कर दी जाएगी। गृह मंत्री ने सरपंचों से कहा कि अब आपको ही जम्मू-कश्मीर मूलभूत व्यवस्थाओं को लोगों तक ले जाना है। शाह ने कहा कि भारत सरकार की 85 योजनाएं हैं और उन्हें हर गांव तक पहुंचाना है।
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से आए प्रतिनिधियों से दुष्प्रचार पर विश्वास नहीं करने की अपील की। उन्होंने ये साफ किया कि कोई भी जमीन किसी से जबरन नहीं ली जाएगी।
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