देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी अधिकार के खिलाफ हो रही जांच के विरोध में किसी राज्य की सीएम धरने पर बैठ गई हैं।
रविवार रात कोलकात के कमिश्नर राजीव कुमार से शारदा घोटाले को लेकर पूछताछ करने पहुंची सीबीआई के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने मोर्चा खोल दिया है। जिसके बाद कोलकाता में अचानक छिड़े सियासी संग्राम में रविवार से अब तक पल-पल चीजें बदली हैं। दरअसल रविवार को कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंची सीबीआई टीम को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन राजीव कुमार के खिलाफ ये कार्रवाई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ठीक नहीं लगी। इसके बाद वो धरने पर बैठ गईं।
ममता बनर्जी को दूसरी विपक्षी पार्टियों का भी समर्थन मिला है। सबसे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उनका समर्थन करने का ऐलान किया। उसके बाद अखिलेश यादव,तेजस्वी यादव,नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सपोर्ट करने का ऐलान कर दिया। शरद पवार और चंद्रबाबू नायडू ने भी ममता से फोन पर बात की। देवेगौड़ा,स्टालिन और मायावती ने इसे अघोषित इमरजेंसी तक बता डाला। वहीं राहुल गांधी ने भी कहा है कि उनकी पार्टी ममता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
शारदा चिटफंड केस में राजीव कुमार पर कार्रवाई को लेकर हुए हाईवोल्टेज ड्रामे के बीच अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर एम नागेश्वर राव ने एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राजीव कुमार खिलाफ सबूत हैं। उन्होंने सबूतों को मिटाने और कानून में बाधा डालने की कोशिश की है। एम नागेश्वर राव ने ये भी कहा राजीव कुमार ने सभी सबूतों को जब्त कर लिया है। वो दस्तावेजों को सुपुर्द करने में हमारा सहयोग नहीं कर रहे हैं। यही नहीं, बहुत सारे सबूत नष्ट हो गए हैं या गायब कर दिए गए हैं।
कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ सोमवार को भी फुल सियासी ड्रामा होने की उम्मीद है। ममता बनर्जी आज धरना स्थल से ही पश्चिम बंगाल का बजट पेश करेंगी। वहीं इस पूरे मामले में की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। उधर सीबीआई की इस कार्रवाई के विरोध में बंगाल में TMC प्रदर्शन करेगी। वहीं TMC सरकार के इस रवैये के खिलाफ बीजेपी भी बंगाल में प्रदर्शन करेगी।
घोटाले में राजीव कुमार का क्या है रोल?
राजीव कुमार ने ही 40 हजार करोड़ के शारदा और रोज वैली घोटाले की जांच की है। यही नहीं उन्होंने जांच करने वाली एसआईटी टीम की अगुवाई भी की। राजीव कुमार पर बतौर जांच अधिकारी धांधली के आरोप हैं। SIT अध्यक्ष के तौर पर ही राजीव कुमार ने शारदा प्रमुख सुदीप्त सेन और उनके सहयोगी देवयानी को गिरफ्तार किया था । खबरों के मुताबिक गिरफ्तारी के दौरान ही सुदीप्त सेन से एक डायरी मिली थी जो बाद में गायब हो गई। डायरी में उन सभी नेताओं के नाम थे जिन्होंने चिटफंड कंपनी से रुपए लिए थे। आपको बता दें कि 2013 में ममता सरकार ने ही जांच के लिए एसआईटी गठित की थी।
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