तेलंगाना के नालगोंडा की रहने वाली अमृता ने देश के सामने ऐसी मिसाल पेश की है जिसे जमाना सदियों तक याद रखेगा और उससे सीख लेगा।
अमृता ने दलित युवक से शादी की थी। उसके घरवाले उसकी शादी के खिलाफ थे। क्योंकि उसने दलित लड़के से शादी की थी। 5 महीने पहले अमृता के 23 साल के पति को ऑनर कीलिंग के नाम पर अपनों ने ही मौत के घाट उतार दिया था।
पति की जब मौत हुई उस वक्त अमृता चार महीने की गर्भवती थी। पति की मौत के बाद जैसे अमृता पर पहाड़ टूट पड़ा। घरवाले गर्भपात का दबाव बनाने लगे। लेकिन अमृता घरवालों के सामने नहीं झुकी, उसने ठान ली थी कि वह अपने बच्चे को जन्म देकर रहेगी। 30 जनवरी, 2019 को उसने बेटे को जन्म दिया और अपने संघर्ष को अंजाम तक पहुंचा दिया।
बेटे को जन्म देने के बाद अमृता कहती हैं कि मैं अपने बेटे को जाति और धर्म से उठकर जिंदगी जीने की सीख दूंगी। ताकि वह किसी को जाति या धर्म से न पहचाने बल्कि एक इंसान के रूप में पहचाने और लोगों की मदद करे। अमृता कि बस अब एक ही ख्वाहिश है कि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। वो बड़ा हो तो गरीबों, बेसहारा लोगों और जरूरतमंदों की मदद करे।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रेवतीपुर ब्लॉक में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।…
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश राज्य और अन्य संबंधित अधिकारियों को कोल्लेरू झील के कथित…
उत्तराखंड के में केदारनाथ यात्रा से इस साल भी रुद्रप्रयाग जिले के महिला स्वयं सहायता…
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। चारधाम यात्रियों के लिए अच्छी खबर हैं।…
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक…
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham( के कपाट शुक्रवार को विधि-विधान और पूजा-अर्चना के साथ…
This website uses cookies.