फोटो: सोशल मीडिया
आर्थिक मोर्चे पर कंगाल पाकिस्तान में अब खाने के लाले पड़ने लगे हैं। लोग एक-एक रोटी को मोहताज हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वाह और पंजाब में आटे की कमी हो गई है।
जिसकी वजह से लोगों के पास सिर्फ चावल खाने का ही विकल्प बचा है। आटे की कमी की वजह से खैबर पख्तूनख्वाह में नान बनाने वाली कई दुकानें बंद हो गई हैं। वहीं आटे की कमी और दाम बढ़ने की वजह से नान तैयार करने वाले नानबाई हड़ताल पर चले गए हैं।
कई जगहों पर तो आटे की कमी की वजह से रोटी मिल ही नहीं रही और जहां मिल रही वहां इतनी महंगी है कि आम आदमी की पहुंच से दूर हो जा रही है। सरकार दुकानदारों पर रोटी के दाम करने का दबाव बना रही है। आटे की किल्लत को इमरान खान सरकार ने संज्ञान में लिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सरकार ने 3 लाख टन गेहूं के आयात को भी मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी भी इससे राहत मिलने में वक्त लगेगा। बताया जा रहा है कि ये गेहूं आने में 15 फरवरी तक का वक्त लग सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 2018 के आखिर से लेकर जून 2019 तक पाकिस्तान ने 6 लाख मिट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया था। इसके बाद जुलाई 2019 में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन इसके बाद भी अक्टूबर तक 48 हजार मिट्रिक टन गेहूं विदेश भेजे गए। विपक्ष ने रोक के बावजूद निर्यात की जांच की मांग की थी। विपक्षी पार्टी के नेता ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि कई लोगों ने इस धंधे से करोड़ों बना लिया। उन्होंने घोटाले की वजह से गेहूं के संकट की आशंका जताई थी।
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