उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से कोहराम मच गया है। कुमाऊं मंडल के नैनीताल और अल्मोड़ा जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश में 29 लोगों की मौत हो गई है
बारिश में एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है। बारिश के कहर से सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जिले में हुआ है। जिले में 25 लोगों की जान चली गई है। वहीं, एक मजदूर गंभीर रूप से घायल है। रामगढ़ विकासखंड के झूतिया-सकुना गांव में नौ मजदूर जिंदा दफन हो गए। बताया जा रहा है कि यहां सड़कें अवरुद्ध होने के कारण राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की टीमें नहीं पहुंच पाई हैं, जिससे राहत और बचाव कार्य संचालित नहीं हो पा रहा है। प्रशासन की टीम मौके पर रवाना हो गयी हैं।
अपर जिला अधिकारी प्रकाश जोशी ने बताया कि दोषापानी में मकान धंसने से पांच, थाराड़ी में सात, भीमताल में एक, चोपड़ा गांव में एक, बोहराकोट में दो लोगों की मलबे में दबने से मौत हुई है। चोपड़ा गांव में एक व्यक्ति के नाले में बहने से मौत हो गयी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकाला।
नैनीताल जिला आपदा प्रबंधन केन्द्र के अनुसार नैनीताल जिले में बारिश से जुड़े हादसों में 25 लोगों की मौत हो गई है। दोषापानी के चौखुटा तोक में जिन पांच मजदूरों की मौत हुई है, उनमें तीन बिहार के पश्चिमी चंपारण जबकि दो उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर जिले के निवासी हैं। मृतकों में धीरज कुमार, इम्तियाज निवासी बेलवा, थाना साठी जिला पश्चिमी चंपारण, जुम्मेराती निवासी मच्छर गहवा, जिला पश्चिमी चंपारण, बिहार, विनोद कुमार और हरेन्द्र कुमार निवासी माधवपुर, दुल्हापुर, थाना जलालपुर जिला अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश शामिल है। इनका एक साथी कांशीराम निवासी ग्राम बेलवा, थाना साठी जिला पश्चिमी चंपारण, बिहार घायल हुआ है।
अल्मोड़ा जिले में चार लोगों की बारिश की वजह से मौत हुई है और एक व्यक्ति लापता है। अल्मोड़ा के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी ने बताया कि भिकियासैण के रोपड़ गांव में पत्रकार आनंद सिंह नेगी का परिवार सो रहा था। इसी दौरान मकान मलबे की चपेट में आ गया, जिसमें आनंद नेगी और उनकी दो पोती मलबे का शिकार हो गईं। दोनों के शवों को निकाल लिया गया है, जबकि आनंद नेगी अभी भी लापता हैं। मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम बचाव व राहत कार्य में जुटी हैं। जोशी ने बताया कि हीरा डूंगरी और शिराड़ गांव में आज एक लड़की और एक महिला की मलबे की चपेट में आने से मौत हो गयी है।
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि झूतिया-सकुना गांव में जो नौ लोग जिंदा दफन हैं, वे सभी मजदूरी का काम करते हैं। वे यहां निजी ठेकेदार के यहां काम कर रहे थे और घटना के वक्त एक कमरे में सो रहे थे। अचानक रात को कमरे में मलबा घुस गया और 9 लोग दब गए, जबकि इनका एक साथी बाहर कूद गया। जो गंभीर रूप से घायल है।
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