उत्तराखंड में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ की गई FIR के विरोध में मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अल्मोड़ा में प्रदर्शन किया।
इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने हरीश रावत समेत दूसरे पार्टी नेताओं के खिलाफ की गई FIR को वापस लेने की मांग की। मांगें नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी दमनकारी नीति के तहत कांग्रेस नेताओ पर मुकदमे दर्ज कर रही है। जबकि कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी होने के नाते लगातार जनहित के मुद्दे उठा रही है।
हरीश रावत पर क्यों हुआ मुकदमा?
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के विरोध में कांग्रेस ने 29 जून को देशभर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसी कड़ी में उत्तराखंड के कांग्रेस नेताओं ने भी प्रदर्शन किया। पूर्व सीएम और कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन के दौरान बैल गाड़ी की सवारी की और ये संदेश देने की कोशिश की कि तेल के दाम ऐसे ही बढ़ते रहे तो एक दिन वापस बैल गाड़ी पर चलना पड़ेगा। आरोप है कि प्रशासन की तरफ से इजाजत नहीं मिलने के बावजदू कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया। इसी को लेकर हरीश रावत और उनके 20 सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
प्रशासन की तरफ से कहा गया कि कोविड 19 महामारी की वजह से सभी से सोशल डिस्टेंसिंग करने को कहा गया है। प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो नहीं किया गया, इसी वजह से उनके खिलाफ देहरादून के रायपुर में केस दर्ज किया गया।
अल्मोड़ा से हरीश भंडारी की रिपोर्ट
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