उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार और राज्य के सांसद लगातार इस कोशिश में जुटे हुए हैं कि किस तरह से प्रदेश को ऊर्जा राज्य में बदला जाए।
राज्य सरकार की कोशिश है कि प्रदेश की जिन बिजली परियोजनाओं पर रोक लगी है उसे हटवाई जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा बिजली पैदा करने के साथ प्रदेश के बेरोजगारों को इससे रोजगार मिल सके। देवभूमि को ऊर्जा राज्य में तब्दली करने की ओर नैनीताल से बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने कदम बढ़ाया। उन्होंने लोकसभा में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया।
बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा में कहा, “कुछ गलतफहमियों की वजह से उत्तराखंड की 44 जल विद्युत परियोजनाओं पर केंद्र सरकार द्वारा रोक लगाया गया है। गांगा, यमुना, भागीरथी सारी नदियों पर हमारे यहां जल प्रोजेक्ट बने हुए हैं। जहां पानी से बिजली पैदा होती है उससे ही हम अपना राजस्व कमाते हैं। हमारी सरकार के पास राजस्व के साधन नहीं हैं। बहुत छोटा राज्य है। जिन 44 जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लगी है उन पर 3 हजार 62 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। करीब 48 हजार करोड़ रुपये का निवेश अभी संभावित है। 8 हजार 960 मिलियन यूनिट बिजली का नुकसान हमें हो रहा है। 3 हजार 5 सौ 40 करोड़ सालाना राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस प्रोजेक्ट से 52 हजार लोगों को रोजगार मिलता था वो रोजागार भी छिन गया है।”
अजय भट्ट ने कहा, “संभवत: केंद्र सरकार को ऐसा कोई संदेशा आया है कि बिजली प्रोजेक्ट शुरू करने से गंगा में पानी नहीं छोड़ा जाएगा। मैं ये बताना चाहूंगा कि 1917 में जो गंगा महासभा के साथ हरिद्वार में समझौता हुआ था, उसके आधार पर एक हजार क्यूसेक पानी गांगा में छोड़ा जाना बेहद जरूरी था। लेकिन जो स्पेशल कमेटी अभी गई थी। उसके आधार पर 5 हजार क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है, जो देश के लिए काफी है। ऐसे में मैं केंद्र सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि जो जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लगी है उसे तुरंत हटाकर प्रजेक्ट निर्माण के काम को मंजूरी दी जाए।”
सांसद अजय भट्ट द्वारा लोकसभा में ये मुद्दा उठाए जाने की सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तारीफ की है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, “अजय भट्ट जी ने मजबूती से संसद में इस अहम मुद्दे को उठाया, इसके लिए उनको साधुवाद। इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री जी से मेरी भी चर्चा हो चुकी है। उत्तराखंड में रुकी हुई जलविद्युत परियोजनाओं को अगर मंजूरी मिलती है तो हमारा ऊर्जा प्रदेश बनने का सपना जल्द साकार हो सकेगा।”
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