उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में मानकों के अनुरूप बूचड़खाने नहीं बनाए जाने पर सरकार को लेकर तल्ख टिप्पणी की है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि अगर सरकार बूचड़खाने नहीं बना सकती है तो प्रदेश को शाकाहारी प्रदेश घोषित कर दे।
कोर्ट ने सरकार की तरफ से पेश किए गए शपथ पत्र पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने सचिव शहरी विकास, जिलाधिकारी नैनीताल, नगरपालिका नैनीताल के अधिशासी अधिकारी, नगर आयुक्त हल्द्वानी, ईओ रामनगर, ईओ मंगलौर पालिका के खिलाफ आपराधिक अवमानना के आरोप तय करते हुए सभी को तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले अदालत ने सभी जिलाधिकारियों को प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे बूचड़खाने और उनमें बिक रहे मीट की जांच करने के आदेश देते हुए उसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा था, लेकिन ये रिपोर्ट अभी तक कोर्ट में पेश नहीं करने पर अदालत ने नाराजगी जताई और सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कोर्ट में पेश होने को कहा था।
आपको बता दें कि 2011 में कोर्ट ने प्रदेश में चल रहे अवैध बूचड़खानों को बंद कराने के आदेश दिया था। इसके साथ ही सरकार को मानकों के अनुरूप बूचड़खाने का निर्माण करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी लेकिन अभी तक सरकार को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। साल 2018 में अदालत के आदेश के बाद सरकार ने 72 घंटे में सभी अवैध बूचड़खाने को बंद कर दिया लेकिन अभी तक मानकों के अनुरूप बूचड़खाने का निर्माण नहीं किया जा सका है। याचिका में कहा गया है कि सरकार कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है। अभी तक बूचड़खाने नहीं बनाए जाने से मीट कारोबारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। हेलंग-उर्गम मोटर मार्ग पर बुधवार…
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के गोराबाजार क्षेत्र में बुधवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं एंटी…
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील क्षेत्र में ग्राम पंचायतों द्वारा कराए जा…
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को मिली स्पष्ट जीत के बाद सरकार गठन की…
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील क्षेत्र स्थित एक निजी मैरिज हाल में…
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की सेवराई तहसील के गोड़सरा गांव में जलजमाव की समस्या…
This website uses cookies.