उत्तराखंड के चंपावत के गोरलचौड़ में सरकार ने छात्रों के अभाव में पॉलीटेक्निक कॉलेज को बंद करने का फैसला किया है।
सरकार ने इसके लिए शासन ने छात्रों को ट्रांसफर करने के साथ कॉलेज के निर्माणाधीन भवन को उच्च शिक्षा को देने का आदेश जारी कर दिया है। सरकार के इस फैसले का छात्र विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि यहां अब तक 142 छात्र-छात्राएं डिग्री ले चुके हैं।
क्या है पूरा मामला?
साल 2014 में गोरलचौड़ स्थित नगर पालिका की दुकानों में पॉलीटेक्निक कॉलेज की शुरुआत हुई थी। इस साल कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन ट्रेड में फर्स्ट ईयर में 12 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया। इस साल कॉलेज भले ही खुल गया था, लेकिन इसे मान्यता नहीं मिली थी। इस वजह से दो साल तक छात्रों को लोहाघाट कॉलेज से डिप्लोमा मिला। साल 2016 में AICTE से इसे मान्यता मिली। इसके बाद से लगातार कॉलेज में सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल ट्रेड की मांग की जाती रही, बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया। ट्रेड न मिलने पर लोगों ने कॉलेज के लिए बिल्डिंग की मांग की।
साल 2016 में 5.29 करोड़ की लागत से बिल्डिंग निर्माण का कार्य शुरू किया गया, लेकिन ये आज तक पूरा नहीं हो पाया है। ट्रेड भी आज तक नहीं मिला है। इसको लेकर छात्रों की नाराजगी पहले से ही थी, अब कॉलेज बंद किए जाने की खबर ने उन्हें और निराश कर दिया है। वहीं उच्च शिक्षा संयुक्त निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला ने कॉलेज के भवन को डिग्री कॉलेज को देने के निर्देश दिए।
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