कोरोना को देखते हुए इस बार उत्तराखंड का विधानसभा सत्र महज तीन दिनों के लिए होगा, लेकिन इन तीन दिनों में भी सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं।
कोविड, अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी को लेकर विपक्ष हंगामा कर सकता है। नेता प्रतिपक्ष ह्रदयेश ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह से फेल साबित हुई है। ना ही सरकार वायरस को फैलने से रोक पाई। ना ही बेरजागारी को कम कर पाई। यहां तक कि सरकार के अपने विधायकों में ही सरकार के कामकाज को लेकर असंतोष है। उन्होंने कहा कि सदन में सभी मसलों को कांग्रेस पुरजोर तरीके से उठाएगी।
सदन के अंदर तो हंगामे के आसार हैं ही, सदन के बाहर भी हंगामा हो सकता है। प्रदेश में कोविड के कारण धारा 144 भी लागू है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर केस दर्ज किये जा रहे हैं। इस मामले को लेकर कांग्रेस से पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी विधानसभा के बाहर मोर्चा संभाल सकते हैं।
सत्र के छोटा होने पर उठ चुके हैं सवाल
भले ही सरकार का कहना हो कि कोरोना महामारी की वजह से सत्र को छोटा रखा जा रहा है, लेकिन सत्र के सिर्फ तीन दिनों के होने पर सवाल उठ रहे हैं। खुद विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल कह चुके हैं कि सत्र तीन दिन से ज्यादा का होना चाहिए। हालांकि, अध्यक्ष ने इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताया था।
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