बीते साल की वो कौन से बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हुए जन्होंने खूब सुर्खियं बटोरी और जन्हें याद कर हम नई सीख ले सकते हैं।
साल 2021 ने दस्तक दे दी है। नए साल में नई कहानियां लिखी जाएंगी। नए फलसफे बनेंगे। बहुत कुछ नया होगा, लेकिन नए के आने से पुराना कहां खत्म हो जाता है। पुराना तो बस यादों के संदूक में सिमट जाता है। बीते साल की वो कौन से बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हुए जन्होंने खूब सुर्खियं बटोरी और जन्हें याद कर हम नई सीख ले सकते हैं। आपको बताते हैं।
सीएम और पूर्व सीएम की बयानबाजी
साल 2020 में भी हर साल की तरह ही जमकर राजनीतिक बयानबाजी हुई। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने को लेकर दोनों ने एक दूसरे पर जमकर जुबनी हमले किये। पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में आएगी तो वो गैरसैंण को स्थायी राजधानी बना देंगे। हरीश रावत के इस बयान पर तंज कसते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत का गैरसैंण से कोई मतलब नहीं है, वो केवल राजनीति कर रहे हैं। उनको मौका मिला था, लेकिन वह ग्रीष्मकालीन राजधानी तक घोषित नहीं कर पाए।
हरीश रावत के संन्यास की उठी मांग
कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो शुरुआत से उत्तराखंड की राजनीति में सक्रिय रही है और राज्य में अपना वर्चस्व भी स्थापित कर चुकी है। हरीश रावत प्रदेश में पार्टी के ऐसे कददावर नेता के तौर पर उभरे कि उनकी पकड़ दिल्ली तक मानी जाती रही, लेकिन साल 2020 में उनकी पकड़ पर्टी पर ढीली पड़ने लगी। पार्टी में ही उनके सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की मांग उठने लगी। नकी पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा कांग्रेस की उत्तराखंड में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में हार को लेकर हरीश रावत को दोषी करार दिया गया।
दोस्ती में बदली दुश्मनी
साल 2020 में दो राजनीतिक धुरंधरों की दुश्मनी दोस्ती में बदली। खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बीच चला विवाद शांत हुआ। हालांकि उससे पहले दोनों विधायकों के बीच चली जुबानी जंग ने कई बार राजनीतिक मर्यादाएं लांघी। बता दें कि दोनों के बीच विवाद साल 2019 में तब शुरू हुआ, जब दोनों ने लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी के लिए टिकट की मांग की।
विधायक चैंपियन ने कर्णवाल को अखाड़े में दो-दो हाथ तक करने की चुनौती दे डाली। विवाद इतना बढ़ा कि मामला सीएम दरबार में जा पहुंचा। इसी बीच हाथों में पिस्टल लिए विधायक चैंपियन की वीडियो वायरल हुई। जिसके बाद पहले से ही विवादों में घिरे चैंपियन को पार्टी से निष्कासित कर दिया। दोनों विधायकों के बीच विवाद यही नहीं थमा, दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ी। लेकिन इस साल दोनों विधायकों के बीच मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद सुलह हुई।
गौरव गोयल और देशराज कर्णवाल के बीच रस्साकसी
साल 2020 एक और रजनीतिक लड़ाई ने खूब सुर्खियां बटोरी। मेयर गौरव गोयल और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बीच साल भर रस्साकसी चलती रही। साल के आखिर में झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने आखिरकार मेयर के खिलाफ शासन में शिकायत कर जांच शुरू करा दी। अब देखना यह है कि नए साल में इस जांच का क्या असर निगम की राजनीति पर पड़ता है।
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