उत्तराखंड में इस कोरोना काल में स्कूल कॉलेज बंद पड़े हैं। ऐस में कई ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं जो अभिभावकों पर फीस वसूलने का दबाव बना रहे हैं।
हरिद्वार में इस संबंध में प्रदेश में शिक्षा मंत्री ने बात की। उन्होंने कहा कि जो स्कूल ऑनलाइन शिक्षा नहीं दे रहा हैं और अभिभावकों से फीस वसूलने का दबाव बना रहे हैं, उनके खिलाफ अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी कार्रवाई नहीं करते तो उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूलों की फीस न भर पाने में असमर्थ अभिभावकों को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन और अन्य संचार माध्यमों के द्वारा भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में फर्नीचर लगाने से जड़े एक मामले में घोटाले पर भी शिक्षा मंत्री ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस मामले को संज्ञान में लाया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा एक कमेटी बनाई गई है, जो लोग भी जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा फर्नीचर खरीदने पर एक करोड़ 82 लाख 24 हजार का बजट खर्च करना दिखाया गया है।
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